सीएम योगी और अखिलेश के बीच वाकयुद्ध जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के स्कूल मर्जर के फैसले के बाद यूपी की राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी समेत तमाम विरोधी दलों ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। सपा स्कूल मर्जर के खिलाफ पीडीए पाठशाला भी चला रहा है। बीजेपी और सपा के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है। इसी बीच सीएम योगी ने कल्याण सिंह की सरकार का एक वाक्या का हवाला देकर सपा सरकार को आड़े हाथों लिया था। अब मुख्यमंत्री योगी के बयान पर अखिलेश यादव ने करारा पलटवार कर दिया है। इसके साथ ही एक्स पर सपा मुखिया ने तंज कसते हुए लिखा कि यूपी में नवयोगी काल- शिक्षा के मंदिर बंद, शराब के ठेके चालू।

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान सपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कल्याण सिंह जी की सरकार में जब ‘ग’ से गणेश पढ़ाया गया, तब सपा ने उसका विरोध करते हुए कहा था कि ग से गधा होना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी सरकार जहां बच्चों को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जोड़ रही है, वहीं सपा ने गणपति जैसे देवता की भी अवमानना करने में संकोच नहीं किया था। अब सीएम योगी के इस बयान पर सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को जोरदार पलटवार कर दिया है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जिसने जैसा पढ़ा होगा वो वैसा ही बोलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी अगर चाहते हैं कि बच्चे पढ़े तो ग फॉर गरीब भी हो सकता है। हम लोग गरीबों के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि जो बच्चे प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने जा रहे हैं, वो सब गरीब बच्चे हैं। उन गरीब बच्चों को हम पढ़ा रहे हैं। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि हमारे लिए ग फॉर गरीब है, लेकिन हो सकता है कि बीजेपी के लिए ग फॉर गधा होता हो। इसलिए जिसने जो पढा हो वो वही बोल सकता है।

इसके साथ ही अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट किया है जिसमें सपा मुखिया ने लिखा कि इसकी गहरी जांच-पड़ताल हो कि नशा उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार की मुख्य प्राथमिकता क्यों है? शराब हो या नशे का कोई और रूप, इस भाजपा सरकार में आखिरकार वो तीव्र गति से क्यों फलफूल रहा है? नशा परिवार तोड़ता है, लेकिन ये बात परिवारवाले ही समझ सकते हैं।

बता दें, सीएम योगी ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में भाजपा सरकार ने पारदर्शी और ईमानदार व्यवस्था लागू की है, जबकि सपा सरकार के कार्यकाल में नकल, अराजकता और जातिवादी राजनीति ने शिक्षा को चौपट कर दिया था। सीएम योगी ने दावा किया कि बीजेपी सरकार की शिक्षा नीति से उत्तर प्रदेश अब शिक्षा के क्षेत्र में देश में तीसरे और पांचवें स्थान तक पहुंचा है। राज्य के विद्यालयों में आधुनिक शिक्षण तकनीक, सीनियर-जूनियर हॉस्टल, खेलकूद की सुविधाएं, लैब और कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

इतना ही नहीं, कक्षा 12 के बाद उच्च शिक्षा, चाहे मेडिकल हो या आईआईटी, उसका पूरा खर्च भी सरकार उठाएगी। उन्होंने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके शासन में न तो समय पर शिक्षकों की भर्ती हुई और न ही शिक्षा के स्तर को सुधारने का कोई प्रयास किया गया। भाई-भतीजावाद और जातिवादी राजनीति के कारण प्रदेश की प्रशासनिक व शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गई थी और हर जिले में माफियाओं का बोलबाला था। अब भाजपा सरकार ने शिक्षा से नकल को खत्म कर ईमानदार व्यवस्था दी है और इसी वजह से जनता का विश्वास भाजपा के साथ है।

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