विजय माल्या का भारतीय बैंकों पर आरोप

नई दिल्‍ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने एक बार फिर भारतीय बैंकों पर बड़ा आरोप लगाया है। माल्या ने दावा किया कि बैंकों ने उनसे जितना कर्ज लिया था उससे कहीं अधिक संपत्ति पहले ही वसूल कर ली है। उन्होंने वित्त मंत्रालय की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि बैंकों ने 6,203 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले 14,131.8 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं।

विजय माल्या ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी चिंता जताई। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने लिखा, “ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) ने 6,203 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था जबकि बैंकों ने अब तक उससे कहीं अधिक वसूली कर ली है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब उनके यूके में दिवालिया मामले की सुनवाई होगी तो उस समय बैंकों का क्या जवाब होगा।

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में विजय माल्या का नाम प्रमुखता से लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि माल्या समेत 10 बड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ संपत्तियां कुर्क की गई हैं। माल्या की जब्त की गई 14,131.6 करोड़ रुपये की संपत्तियां अब भारतीय बैंकों को सौंप दी गई हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि 36 भगोड़ों के प्रत्यर्पण के लिए 44 अनुरोध विभिन्न देशों को भेजे गए हैं।

ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) ने 2017 में भारतीय स्टेट बैंक और अन्य बैंकों को विजय माल्या और उनकी कंपनियों से 6,203 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया था। यह कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए ऋण के लिए था जिसमें सालाना 11.5% ब्याज दर लागू की गई थी। माल्या का दावा है कि उन्होंने पहले ही पूरी राशि चुकाने की पेशकश की थी लेकिन बैंकों और सरकार ने उनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। माल्या 2016 में ब्रिटेन चले गए थे और तब से उनकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया चल रही है।

वहीं विजय माल्या के ताजा दावे से यह सवाल उठता है कि क्या बैंकों ने वसूली की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखी? वहीं माल्या के इस आरोप के बाद अब यह देखना होगा कि उनके खिलाफ चल रही प्रत्यर्पण प्रक्रिया में बैंकों की भूमिका क्या होगी।

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