पीएमओ से लेकर संसद भवन में लगेगी वैदिक घड़ी

नई दिल्ली। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारत की प्राचीन समय गणना प्रणाली पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है। इसका लोकार्पण 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस घड़ी को वैदिक और भारतीय पंचांग प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया है। वैदिक घड़ी का मोबाइल ऐप 30 मार्च 2025 को लॉन्च होगा, जिससे लोग अपने स्मार्टफोन पर भी इस अनोखी घड़ी को एक्सेस कर सकेंगे। इस ऐप के जरिए उपयोगकर्ता भारतीय पंचांग के अनुसार समय देख सकेंगे और वैदिक कैलेंडर की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

भोपाल में हाल ही में आयोजित ग्लोबल समिति के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का छोटा स्वरूप भेंट किया, जिसे प्रधानमंत्री ने सराहा। यह घड़ी भारतीय समय गणना प्रणाली को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है। वर्तमान में यह घड़ी विक्रमादित्य शोधपीठ कार्यालय में स्थापित है। 100 से अधिक वैदिक घड़ियों को जल्द ही भारत और विदेशों में प्रमुख स्थानों पर लगाया जाएगा। शुरुआती स्थान: प्रधानमंत्री कार्यालय और नए संसद भवन में इस घड़ी को स्थापित किया जाएगा। इससे भारत की वैज्ञानिक और सांस्कृतिक धरोहर को विश्वभर में पहचान मिलेगी।

विक्रम यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद् रमण सोलंकी के अनुसार, इस घड़ी का GPS आधारित ऐप तैयार हो चुका है। यह ऐप सूर्योदय के समय को सटीक रूप से जानकर वैदिक समय की गणना करता है। यह ऐप 189 से अधिक भारतीय और वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध होगा। भारतीय स्टैंडर्ड टाइम (IST) और ग्रीनविच मीन टाइम (GMT), तापमान, वायु गति, आर्द्रता, भारतीय पंचांग एवं विक्रम संवत, मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्योहार, चौघड़िया, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, ग्रहों की स्थिति और गति की जानकारी मिलेगी।

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