
वरुथिनी एकादशी आज है और लोग पूरी श्रृद्धा भाव से व्रत रखते हुए भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा कर रहे हैं। व्रत का पारण कल द्वादशी तिथि में किया जाएगा। मान्यता है कि एकादशी के व्रत के पारण को करने से पहले जरूरतमंदों को दान करने का खास महत्व शास्त्रों में बताया गया है। पारण सुबह द्वादशी तिथि में किया जाएगा। जबकि व्रती को संपूर्ण भोजन दोपहर में करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं वरुथिनी एकादशी का पारण मुहूर्त और पारण विधि।
वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने वाले लोग 25 अप्रैल को अपना व्रत खोलेंगे। व्रत खोलने का शुभ समय सुबह 5 बजकर 46 मिनट से सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक है। व्रत का पारण करने से पहले द्वादशी तिथि पर दान करने का बहुत महत्व है, इसलिए इस दिन गरीबों को या मंदिर में अपनी श्रद्धा के अनुसार दान जरूर करना चाहिए। द्वादशी के दिन सुबह उठकर सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए।
फिर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। उन्हें पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाएं और उसके बाद चावल का भोग लगाएं और तुलसी दल अर्पित करें। विष्णु चालीसा का पाठ करें और अनाज और दूध समेत खाने की कम से कम 5 चीजें दान करें। उसके बाद जिस चावल का भोग लगाया और जो तुलसी दल अर्पित किया है उसी को मुंह डालकर व्रत का पारण करें। संपूर्ण भोजन दोपहर में करें। यदि संभव हो तो स्वयं भोजन करने से पहले कम से कम एक ब्राह्मण को भी भोजन करवाएं। ऐसा करने से आपकी आर्थिक तंगी दूर होती है और आपको व्रत का संपूर्ण फल मिलता है और श्रीहरि आपकी पूजा स्वीकार करते हैं।