वर्मन 54 साल की उम्र में कह गये अलविदा

हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार आरडी बर्मन, जिन्हें पंचम दा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संगीत उद्योग में अपनी अद्वितीय पहचान छोड़ गए। उन्होंने भारतीय सिनेमा में संगीत को एक नया आयाम दिया, और उनकी धुनों ने हमेशा दर्शकों के दिलों में एक विशेष जगह बनाई। 04 जनवरी को, महज 54 वर्ष की आयु में, उन्होंने इस दुनिया से हमेशा के लिए अलविदा ले लिया।

आरडी बर्मन का संगीत सफर बेहद प्रेरणादायक था। महज 9 साल की उम्र में उन्होंने 9 धुनें बनाई थीं, जो उनके अद्भुत संगीत कौशल का परिचायक थीं। इनमें से एक धुन उनके पिता, जिन्हें प्रसिद्ध संगीतकार सलिल चौधरी के साथ काम करने का अवसर मिला था, ने चुरा ली थी और बाद में उसी धुन का उपयोग फिल्म के गाने में किया था। यह छोटी सी घटना आरडी बर्मन के संगीत की शक्ति और उनके कला के प्रति लगाव को दर्शाती है।

आरडी बर्मन ने अपने फिल्मी करियर में न केवल शानदार संगीत रचनाएँ दीं, बल्कि उन्होंने कई ऐसे गाने भी बनाए, जो आज भी लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। उन्होंने 50 से ज्यादा ऐसे गाने गाए, जो समय के साथ भी अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं। उनकी रचनाएँ आज भी संगीत प्रेमियों के बीच गूंजती हैं और इन गानों को तीन पीढ़ियाँ गाती आ रही हैं।

आरडी बर्मन के गाने संगीत के एक अनमोल खजाने की तरह हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी सुनने के बाद भी ताजगी से भरपूर रहते हैं। चाहे वह “मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू”, “दिल ढूंढता है”, “अगर तुम न होते”, “प्यारे-प्यारे गालों पे” जैसे रोमांटिक गाने हों या फिर “दम मारो दम”, “चुरा लिया है तुमने” जैसे हिट ट्रैक, उनके संगीत ने हमेशा एक नई पहचान बनाई। उनकी धुनों में एक अनोखा ताजगी और आनंद होता था, जो आज भी श्रोताओं को अपने आकर्षण में बांधे रखता है।

आरडी बर्मन का संगीत आज भी संगीत प्रेमियों के बीच एक अमूल्य धरोहर की तरह है, जो समय के साथ और भी ज्यादा सराहा जाता है। आरडी बर्मन के द्वारा रचित संगीत आज भी जीवित है और उन्हें याद किया जाता है। उनकी धुनें, गीत और संगीत भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ गए हैं।

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