
लखनऊ। पूरे देश में इस समय हर तरफ सिर्फ की वक्फ संसोधन बिल की ही चर्चा हो रही है। मैराथन चर्चा के बाद लोकसभा में यह बिल पास हो गया। गुरुवार को इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा चल रही है। राज्यसभा से बिल पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा। समूचा विपक्ष वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहा है। वक्फ वह संपत्ति होती है जो इस्लाम में धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए दान कर दी जाती है। एक बार जब कोई संपत्ति वक्फ हो जाती है, तो उसे बेचा, उपहार में नहीं दिया जा सकता। इसे हमेशा वक्फ के उद्देश्य के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है।
पूरे देश में वक्फ की सबसे ज्यादा जमीन उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड करता है। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद ने वक्फ संपत्तियों से जुड़ा डेटा जारी किया है। इस डेटा के अनुसार, यूपी में कुल 1,24,720 वक्फ संपत्तियां हैं। इनमें से 1,19,451 सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास और 5,269 शिया वक्फ बोर्ड के पास हैं।
ये आंकड़े 2014 तक बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है। इसमें हापुड़ और संभल जिले की नाम शामिल नहीं है। लखनऊ मंडल: लखनऊ में 3072 वक्फ संपत्तियां हैं। 2386 सुन्नी और 686 शिया वक्फ। उन्नाव में 1688 संपत्तियां हैं। 1647 सुन्नी और 41 शिया वक्फ। रायबरेली में 2875 वक्फ संपत्तियां हैं। 2758 सुन्नी और 117 शिया वक्फ। सीतापुर में 4204 संपत्तियां हैं। 4134 सुन्नी और 70 शिया वक्फ। हरदोई में 2062 संपत्तियां हैं। 2006 सुन्नी और 56 शिया वक्फ। लखीमपुर खीरी में 2639 संपत्तियां हैं। 2606 सुन्नी और 33 शिया वक्फ।
इसके अलावा अन्य मंडलों में भी लगभग इतनी ही जमीने वक्फ सम्पति के अंतर्गत निहित है।