सेबी में अब काम में तेजी लाने और दक्षता को बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई का उपयोग किया जा सकता है। इस संबंध में मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट भी आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने प्रक्रियाओं में तेजी लाने और दक्षता बढ़ाने के लिए बाजार नियामक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बढ़ते उपयोग के बारे में बात की है। इसके बाद चर्चा है कि एआई का उपयोग सेबी में जल्द होने लगेगा।
रिपोर्ट में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) की वार्षिक बोर्ड मीटिंग में बुच के हवाले से कहा गया है, “सेबी में आज हमारे पास एआई पर करीब एक दर्जन प्रोजेक्ट हैं।” “उनमें से आधे प्रोजेक्ट तेजी से मंजूरी और तेजी से प्रावधान की सुविधा प्रदान करने के लिए हैं।”
रिपोर्ट के मुताबिक एआई को अपनाने और उपयोग करने से नियामक को अधिक उत्तरदायी और गतिशील बनने में काफी मदद मिल सकती है। बुच ने कहा, “अब हम आईपीओ पर विचार कर रहे हैं ताकि कोई भी आईपीओ दस्तावेज़ आवेदन की पहली तारीख से तीन महीने से ज़्यादा समय तक न रहे। यह सब तकनीक का जादू है।” “अगर हम अपना काम जारी रखते हैं, तो देश में संपत्ति निर्माण को कोई नहीं रोक सकता।”
यह बात बुच द्वारा इस वर्ष अगस्त में फिक्की वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन में आईपीओ ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस को मंजूरी देने के उद्देश्य से एआई के उपयोग के बारे में बात करने के बाद सामने आई है। उन्होंने कहा, “हमने सार्वजनिक दस्तावेजों, उदाहरण के लिए REIT या InvIT वार्षिक रिपोर्ट, के प्रसंस्करण के लिए पहले ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को क्रियान्वित कर दिया है।” उन्होंने कहा कि सेबी में 80% प्रसंस्करण कार्य AI के माध्यम से किया जाता है।