
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को बड़ी कामयाबी मिली है। एसटीएफ की टीम ने अंतर्राज्यीय स्तर पर वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने गिरोह के मास्टरमाइंड समेत एक अन्य साथी को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान नेपाल निवासी प्रकाश चौधरी और लखीमपुर खीरी निवासी भागीराम के रूप में हुई है। इन्हें लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से बाघ के 17 दांत, 18 नाखून और जबडे के तीन हिस्से बरामद किए गए हैं। केवल तीन जबड़े की कीमत 30 लाख रुपये आंकी जा रही है।
दरअसल, यूपी एसटीएफ की टीम को बीते काफी समय से प्रदेश के विभिन्न जिलों में वन जीवों के अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह में सक्रिय होने की जानकारी मिल रही थी। इस संबंध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों और टीमों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में सूचना मिली कि दो व्यक्ति ग्राम मकनपुर पीलिया-दुधवा मार्ग पर बांघो के अंगों की खरीद फरोख्त करने वाले हैं।
इस इनपुट पर कार्रवाई करते एसटीएफ ने वन विभाग की टीम के साथ कार्रवाई करते हुए दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से बाघ के 17 दांत, 18 बाघ के नाखून, बाघ के जबड़े के 3 भाग (अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य 30 लाख रुपये अनुमानित), 4 मोबाइल, इंडियन और नेपाली करेंसी बरामद हुई है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी भागीराम ने पूछताछ में बताया कि उसका एक संगठित गिरोह है। यह गिरोह वन्य जीवों की हत्या करके उनके अंगों की भारी पैमाने पर तस्करी करता है। इस गिरोह का सरगना वह स्वयं है। उसके पास से बरामद दांत, नाखून और जबड़े के भाग को लखीमपुर के ही किसी व्यक्ति से लिया था। यूपी एसटीएफ अब इस पूरे गिरोह पर अपनी नजर बना ली है।
आरोपियों के खिलाफ उत्तर खीरी प्रभाग बफर जोन की पलिया रेंज पर धारा 9/51 (1सी), 48ए/51 (1सी), 49वी/51 (1सी), डब्ल्यूएलपी एक्ट 1972 और भारतीय वन अधिनियम की धारा 26 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अग्रिम कार्रवाई उत्तर खीरी प्रभाग बफर जोन की पलिया रेंज की ओर से की जाएगी।