यूपी सरकार ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियां शुरू की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 5 सालों बाद फिर शुरू हो रही पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। दरअसल, कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच सालों के बाद एक बार फिर इसी माह से शुरू होने जा रही है। यूपी के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह 15 जून को पहले जत्थे को गाजियाबाद से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह यात्रा जून से 25 अगस्त 2025 तक चलेगी। कोरोना महामारी के चलते इस यात्रा को पिछले कुछ सालों के लिए स्थगित किया गया था। ऐसे में इस यात्रा के फिर से शुरू होने के चलते श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। वहीं, सरकार की ओर से भी इस पवित्र तीर्थयात्रा के लिए बड़े स्तर पर इंतजाम किए गए हैं।

इस यात्रा के तीर्थयात्रियों को 13 जून को गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन से हरी झंडी दिखाकर रवाना की जाएगी। इस भवन का निर्माण यूपी सरकार के धर्मार्थ कार्य विभाग ने कराया है। वहीं, इसका संचालन उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसटीडीसी) कर रहा है।

इस यात्रा के दौरान लिपुलेख (उत्तराखंड) और नाथू-ला (सिक्किम) के रास्ते से कुल 15 जत्थों को कैलाश मानसरोवर भेजा जाएगा। हर जत्थे में 50 तीर्थयात्री शामिल होंगे। यात्रा के सुचारु संचालन और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।

इस यात्रा के संबंध में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि धर्मार्थ कार्य विभाग और यूपीएसटीडीसी की ओर से तीर्थयात्रियों के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन में तीर्थयात्रियों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं मिलती है। यह भवन पूरी तरह वातानुकूलित है और इसमें एक समय में 288 यात्रियों के रुकने की व्यवस्था है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन के ग्राउंड फ्लोर पर कैंटीन उपलब्ध है। इतना ही नहीं, यात्रा भवन में प्रतिदिन योग सत्र आयोजित होंगे, जिनका संचालन प्रशिक्षित योग गुरुओं की देखरेख में होगा। साथ ही, भजन संध्या जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन भी होंगे।

यात्रियों के मानसिक और धार्मिक विकास के लिए यात्रा भवन परिसर में सनातन और आध्यात्मिक साहित्य भी उपलब्ध कराया गया है। श्रद्धालु अपनी रुचि के अनुसार पुस्तकें पढ़ सकते हैं। इसके अलावा परिसर में एक स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया गया है, जहां डॉक्टरों की टीम द्वारा मेडिकल जांच की जाएगी।

सुरक्षा और सेवा व्यवस्था के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), जिला प्रशासन और पर्यटन निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार उपलब्ध रहेंगे। परिसर में पर्यटन विभाग से जुड़ी साहित्य और ब्रोशर किट भी यात्रियों को दी जाएंगी। परिसर में मौजूद ट्रैवल डेस्क के जरिये से टूर पैकेज, परिवहन और टिकटिंग संबंधी सेवाएं भी दी जाएंगी। भारतीय परंपरा के अनुरूप यात्रियों का स्वागत किया जाएगा। यात्रा अवधि के दौरान यानी 11 जून से 25 अगस्त 2025 तक भवन में लगभग 800 यात्रियों और स्टाफ की मौजूदगी अनुमानित है। यूपी सरकार की ओर से की गई ये तैयारियां न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करती हैं, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी नई दिशा देती हैं।

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