
लंदन। इजरायल के बाद अब यूनाइटेड किंगडम ने पहलगाम आतंकी हमले में भारत का साथ देने का ऐलान कर दिया है। जो पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है। ब्रिटेन की सरकार ने देश की संसद में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में हम भारत के साथ हैं। ब्रिटिश सरकार ने देश की संसद में बताया है कि “पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों को पकड़ने में भारत को हमारा पूरा समर्थन है”। उसने यह भी कहा कि “भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए ब्रिटेन “अपनी पूरी राजनयिक भूमिका निभाना चाहता है”। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का असर लंदन की सड़कों पर भी दिख रहा है, जहां भारत और पाकिस्तान मूल के नागरिक बार बार सड़कों पर आ रहे है।
हाउस ऑफ कॉमन्स में विदेश कार्यालय के मंत्री हैमिश फाल्कनर ने कहा कि “यह जरूरी है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस मामले की ठीक से जांच करें और अपराधियों पर फोकस करें।” ब्रिटिश सरकार ने कहा कि “यह बहुत जरूरी है कि ब्रिटेन में हम सभी, जो समुदाय के स्तर पर प्रभावशाली पदों पर हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करें कि यह तनाव ब्रिटिश सड़कों पर न फैले। एक भयानक आतंकवादी हमला हुआ है… हम पाकिस्तानियों से आग्रह करते हैं कि वे जांच में भारतीय सरकार का पूरा सहयोग करें।
फाल्कनर, पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले पर एक बहस के दौरान बोल रहे थे। यह बहस लेबर पार्टी के सांसद गुरिंदर सिंह जोसन के एक सवाल के बाद शुरू हुई थी। जिसमें उन्होंने पूछा था कि इस आतंकी हमले को लेकर ब्रिटिश सरकार का स्टैंड क्या है? इस पर फाल्कनर ने कहा कि “दोनों देश आपस में बात कर रहे हैं, जो अच्छी बात है। भारत को अपनी सुरक्षा की चिंता होना स्वाभाविक है, क्योंकि यह एक भयानक घटना है। भारत इस घटना के तथ्यों को स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रहा है और उसे इसमें ब्रिटेन का समर्थन मिलेगा।” हालांकि फाल्कनर ने यह बताने से इनकार कर दिया कि ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में अभी तक क्या पता है कि हमलों के पीछे कौन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के उच्चायोगों को “ब्रिटेन सरकार से पूरी सुरक्षा मिलेगी ताकि वे सुरक्षित रहें।
वहीं जम्मू और कश्मीर में जन्मे एक शख्स, जिसका नाम अंकित लव है, उसपर रविवार को पाकिस्तान के उच्चायोग में खिड़कियां तोड़ने का आरोप लगा है, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। उसे सोमवार को अदालत में पेश किया गया। आपको बता दें कि अंकित लव पर भारतीय सरकार ने 2022 में भारतीय उच्चायोग पर अंडे और पत्थर फेंकने के आरोप में ब्लैकलिस्ट कर दिया था। फाल्कनर ने ब्रिटेन की संसद में सांसदों को बताया कि उन्हें एक पाकिस्तानी राजनयिक के गले काटने के इशारे वाले वीडियो के बारे में पता है। फाल्कनर ने कहा, “मेट्रोपॉलिटन पुलिस इसकी जांच कर रही है, इसलिए मैं इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन यह निश्चित रूप से चिंताजनक है।
ब्रिटेन के कई सांसदों ने इस बात पर दुख जताया कि हमले में हिंदुओं और ईसाइयों को निशाना बनाया गया। लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने पूछा कि “क्या यह समय नहीं है कि हम पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता को इस शर्त पर रखें कि उनका इस्तेमाल आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों के लिए ना हों, जिन्हें वे आश्रय देते हैं?” वहीं सिंधु जल संधि को लेकर फाल्कनर ने कहा कि “जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, हमें हमले की प्रकृति पर अटकलें नहीं लगानी चाहिए। जैसा कि हम समझते हैं, अंतरराष्ट्रीय समझौतों को रद्द नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें स्थगित कर दिया गया है।” इसका मतलब है कि अभी के लिए उन पर रोक लगा दी गई है, लेकिन उन्हें पूरी तरह से खत्म नहीं किया गया है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो ब्रिटेन भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन दे रहा है और भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की कोशिश कर रहा है। ब्रिटेन यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव ब्रिटेन की सड़कों पर न फैले। कुछ सांसद पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि कुछ सिंधु जल समझौता सस्पेंड करने के लिए भारत की आलोचना भी कर रहे हैं। आपको बता दें कि ब्रिटेन में भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों के भारी संख्या में लोग रहते हैं। और कई लोगों का कहना है कि अगर ब्रिटेन सरकार किसी भी पक्ष का समर्थन करती है, तो इससे ब्रिटेन में तनाव बढ़ सकता है।