
मुम्बई। पहले शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करते हैं। इसके कुछ समय बाद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मीटिंग फडणवीस से होती है। बाद में तीनों ही नेताओं के BKC यानी बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स एक होटल में होने की खबरें आती हैं। कहा जा रहा है कि बीते विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे और सीएम की मीटिंग सबसे बड़ी राजनीतिक चर्चा का मुद्दा रही है।
अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि ये मुलाकात अचानक नहीं बल्कि पहले से तय थी। हालांकि, 20 मिनट की उस मीटिंग में क्या बात हुई, ये सिर्फ तीन ही नेता जानते हैं। क्योंकि ठाकरे और फडणवीस दोनों ने ही यह सुनिश्चित किया था कि साथ में किसी भी बड़े नेता को नहीं लाया जाए।
खास बात है कि ये मीटिंग ऐसे समय पर हुई जब राज्य सरकार में साथ शिवसेना के नेता और विधायक शिवसेना (UBT) नेताओं के जुबानी हमलों का सामना कर रहे हैं। खबर है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के नेता इस बात पर नाराज हैं कि अंबादास दानवे और अनिल परब जैसे शिवसेना (UBT) के नेता शिवसेना मंत्रियों से जुड़ी फाइलों की डिटेल निकालने में कैसे सफल रहे और उनके जरिए हमले कर रहे हैं।
कुछ हफ्तों पहले ही दानवे ने सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसात को उनके बेटे के होटल खरीदने के मामले में घेरा था। जबकि, परब ने शुक्रवार को ही गृह राज्य मंत्री योगेश कदम पर कांदिवली में अवैध डांस बार को लेकर सवाल उठाए। खास बात है कि इसका लाइसेंस कदम की मां के नाम पर है। रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे गुट के नेताओं को संदेह है कि संबंधित विभाग का अधिकारी उनके विरोधी दल को जानकारियां दे रहा है। अब सवाल है कि क्या उन घटनाक्रमों के बीच महाराष्ट्र में फिर बड़ा उलटफेर होने वाला है।
राज्य में हनीट्रैप को लेकर भी चर्चाएं हैं , जिसमें कथित तौर पर 72 राजनेता और अधिकारी घिरे हुए हैं। हालांकि, शुक्रवार को फडणवीस ने साफ किया है कि ऐसा कुछ नहीं है। इधर, कांग्रेस नेता इस मामले में जांच की बात कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने विधानसभा में पेन ड्राइव दिखाई और दावा किया कि उनके पास बड़ी जानकारी है। वहीं, विजय वडेट्टिवार का कहना है कि उनके पास फोटो और वीडियो हैं।
BMC यानी बृह्नमुंबई महानगर पालिका चुनाव की चर्चाएं भी हैं। मॉनसून के बाद चुनाव की अटकलों के बाद राजनीतिक गतिविधियां बढ़ी भी हैं। हालांकि, अखबार से बातचीत में इस प्रक्रिया में शामिल अधिकारी बताते हैं कि मानसून के तुरंत बाद चुनाव होने की संभावनाएं कम हैं। कहा जा रहा है कि निकाय चुनाव 2 या 3 चरणों में हो सकते हैं। संभावनाएं ये भी हैं कि मुंबई, पुणे, ठाणे और नाशिक में अंत में चुनाव हों।