
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुशांत गोल्फ सिटी स्थित बहुचर्चित अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (अंसल एपीआई) के खिलाफ धोखाधड़ी के मामलों की झड़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। अंसल एपीएआई के खिलाफ 33 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी के दो और मुकदमे दर्ज किए गए हैं। एक मामले में 33.60 करोड़ रुपये और दूसरे मामले में 14 लाख रुपये का मामला है। ये दोनों मामले सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही अंसल एपीआई के खिलाफ अब तक दर्ज एफआईआर की संख्या बढ़कर 240 हो चुकी है।
लखनऊ स्थित सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, मेसर्स चन्द्रा मॉडर्न बिल्डर्स (इंडिया) प्रा.लि. के निदेशक आलोक चंद्रा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अंसल API से चार टावर A, B, C और D संपूर्ण 42,684.17 वर्ग मीटर भूमि में क्रय किए थे, जिसकी कुल कीमत 33.60 करोड़ रुपये से अधिक थी। सभी टावरों की रजिस्ट्री व जरूरी दस्तावेज उप निबंधक कार्यालय सरोजनी नगर लखनऊ में वैध तरीके से दर्ज भी किए गए थे।
हालांकि 5 जुलाई को जानकारी मिली कि अंसल एपीआई के अधिकारियों (प्रणव अंसल, नीरज झा और कमलेश सिंह) ने इस टावर A के अंतर्गत आने वाले 1,200 वर्ग मीटर भूमि का एक हिस्सा बालकृष्ण नामक व्यक्ति को दोबारा फर्जी बैनामा कर दिया है। इस धोखाधड़ी में कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है। आलोक चंद्रा ने पुलिस को सभी बैनामा रजिस्ट्री, पजेशन लेटर, ले-आउट प्लान व कुटरचित बैनामे की प्रति साक्ष्य के तौर पर सौंपे हैं और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
एक अन्य पीड़िता ऋतु करोली ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में बताया है कि साल 2013 में उन्होंने सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना के P-ब्लॉक में 162 वर्ग मीटर का प्लॉट बुक किया था। इसके लिए उन्होंने 14 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा की थी, लेकिन 11 साल बाद भी न तो प्लॉट दिया गया और न ही धनवापसी की गई। उल्टा, अब खबर मिल रही है कि अंसल API दिवालियापन की प्रक्रिया (NCLT) में शामिल हो गई है, जिससे हजारों खरीदारों की उम्मीदें धराशायी हो रही हैं।
इन मामलों में दर्जनों अधिकारी नामजद हैं और कई पर पहले से आर्थिक अपराध शाखा (EOW) व प्रवर्तन निदेशालय (ED) की निगरानी चल रही है। इन नए मामलों से साफ है कि अंसल API न सिर्फ कई परियोजनाओं में फ्लैट, प्लॉट न देने में असफल रही, बल्कि रजिस्टर्ड संपत्तियों को दोबारा बेंचकर फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप भी झेल रही है।