ट्रंप के टैरिफ से बढ़ी अमेरिका की कमाई

नई दिल्ली। संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2025 के पहले छह महीनों में टैरिफ से पिछले साल की तुलना में ज्यादा कमाई की.यह जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने सरकारी आंकड़ों को खंगालने के बाद दी. जारी किए गए नए मासिक आंकड़ों के अनुसार, जून के अंत तक टैरिफ से 87 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई हुई.यह टैरिफ राजस्व में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है.ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में, जनवरी से अप्रैल तक औसत अमेरिकी टैरिफ दर 2.5% से बढ़कर अनुमानित 27% हो गई, जो एक सदी में सबसे बड़ा स्तर है. हालांकि, नीतिगत बदलावों के बाद, जुलाई 2025 तक यह दर 18.2% अनुमानित की गई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है.इसका मतलब है भारत में बनी चीजें विदेश में महंगी बिकेंगी.इससे भारतीय निर्यात प्रभावित होगा.जिन कंपनियों पर असर होगा, उनमें एप्पल भी शामिल है. अमेरिकी ग्राहकों के लिए आईफोन के दाम बढ़ सकते हैं.एप्पल ने आइफोन मैन्युफैक्चरिंग का काफी काम भारत में शुरू कर दिया है.मार्च से मई के बीच फॉक्सकॉन ने भारत से निर्यात किए गए लगभग 3. 2 अरब डॉलर के आईफोन अमेरिका में बेचे.

एप्पल की रणनीति के एक जानकार ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा, “अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि ट्रंप के फैसले भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग के भविष्य में क्या बदलाव करेंगे, क्योंकि ये योजनाएं लंबे समय के लिए बनाई जाती हैं”भारत बना नई पसंदलंबे समय तक चीन पर निर्भरता के बाद एप्पल ने हाल ही में भारत में अपने केंद्र बनाए हैं.

काउंटरपॉइंट की रिसर्च के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच अमेरिका में बेचे गए 71 फीसदी आईफोन भारत से आए थे.एक साल पहले यह आंकड़ा 31 फीसदी था.इस बीच, एप्पल का चीन के साथ व्यापार भी घटा है.विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ के बावजूद भारत में आईफोन निर्माण को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचेगा.पहले की तुलना में अब कंपनी के लिए भारत में काम करने का खर्च कम हो गया है. एप्पल के लिए आईफोन बनाने वाले देशों के मामले में भारत, चीन को कड़ी टक्कर दे रहा है.

रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने रॉयटर्स को बताया, “नए आईफोन मॉडल बाजार में आने वाले हैं, इसलिए सप्लाई में हमें कोई खास बदलाव करने की जरूरत नहीं दिखाई दे रही है” ट्रंप ने एप्पल को अमेरिका से बाहर जाकर काम करने के लिए निशाना बनाया था.उन्होंने मई में सीईओ टिम कुक के लिए कहा था कि हमने चीन में आपके काम को सालों तक सहन किया और अब आप भारत जा रहे हैं.भारत अपना ख्याल खुद रख सकता है.

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