ट्रंप की नई टैरिफ नीति से अमेरिका को आर्थिक नुकसान

नई दिल्‍ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक बार फिर टैरिफ (आयात शुल्क) को अपनी व्यापार नीति का केंद्र बनाने की घोषणा से जहां अमेरिका को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, वहीं भारत जैसे उभरते बाजारों को इसका अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है। जाने-माने निवेशक और लेखक रुचिर शर्मा ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा, “अब तक भारत में विदेशी पूंजी का प्रवाह ठप हो गया था, लेकिन ट्रंप की नीति के चलते यह स्थिति बदल सकती है।

ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की विकास दर 1% तक घट सकती है। लेकिन इसी के चलते डॉलर कमजोर होगा, जिससे उभरते बाजारों में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और भारत को इसका सीधा फायदा मिल सकता है। उन्होंने कहा कमजोर डॉलर उभरते बाजारों के लिए अनुकूल माहौल बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में शेयर बाजार भले महंगे लगें, लेकिन उनकी गहराई और विविधता अभी भी निवेशकों को आकर्षित करती है।

रुचिर शर्मा ने यह भी बताया कि भारत अब अपने व्यापारिक रवैये में बदलाव ला रहा है और पहले की अपेक्षा अधिक खुलेपन की नीति अपना रहा है। उन्होंने कहा, “हम अब नए व्यापार समझौतों की ओर बढ़ रहे हैं और यह आवश्यक भी है, क्योंकि हम अमेरिका की तरह आत्मकेंद्रित नहीं हो सकते।”

हालांकि उन्होंने यह भी चेताया कि भारत को चीन के प्रति अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। शर्मा ने कहा, “आज की वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अमेरिका की भूमिका कम हो रही है। दुनिया के दस सबसे तेजी से बढ़ते व्यापार मार्गों में से आठ अमेरिका को शामिल नहीं करते और केवल एक में भारत है।”

ट्रंप की रणनीति को लेकर शर्मा का कहना था कि उनकी नीति देखने में अव्यवस्थित लग सकती है, लेकिन इसके पीछे एक ठोस राजनीतिक गणित है।” उन्होंने कहा कि ट्रंप बड़े दावे करके बाद में पीछे हट जाते हैं, ताकि निचले स्तर पर भी उनकी जीत मानी जाए। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि यदि चीन ने जवाबी कार्रवाई की, तो स्थितियां बिगड़ सकती हैं। उन्होंने कहा, “बाजार ट्रंप की घोषणा से नहीं, बल्कि चीन की प्रतिक्रिया से घबराते हैं।

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