ट्रंप ने स्पेसएक्स को गोल्डन कार्ड प्रोजेक्ट सौंपा

नई दिल्‍ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मशहूर कारोबारी एलन मस्क की नीतियां भले ही आलोचनाओं का शिकार हो रही हों पर दोनों की यह जोड़ी हिट साबित हुई है। एलन मस्क ने अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के लिए काम करते हुए अब तक कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मस्क पर भरोसा जताते हुए उन्हें सरकारी दक्षता विभाग का प्रमुख नियुक्त किया था जिस काम को मस्क ने बखूबी निभाया भी। वहीं अब ने मस्क को अपने गोल्डन कार्ड प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी भी सौंपी है। इस बीच अब चर्चाएं थीं कि ट्रंप ने मस्क को एक और काम सौंपा है, अमेरिका के लिए गोल्डन डोम बनाना। हालांकि मस्क ने इन खबरों को खारिज कर दिया है।

स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है कि उनकी स्पेस कंपनी SpaceX अमेरिका के लिए प्रस्तावित गोल्डन डोम मिसाइल सिस्टम के लिए तकनीक प्रदान कर रही है। हालांकि मस्क ने कहा है कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप सुझाव देते हैं तो स्पेसएक्स किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स एक पोस्ट में इस पर प्रतिक्रिया दी है। मस्क ने लिखा, “स्पेसएक्स ने इस संबंध में किसी भी अनुबंध के लिए बोली लगाने की कोशिश नहीं की है। हमारी प्राथमिकता मानवता को मंगल ग्रह पर ले जाने पर केंद्रित रहना होगी।” मस्क ने आगे लिखा, “अगर राष्ट्रपति हमसे इस संबंध में मदद करने के लिए कहते हैं तो हम यह करेंगे लेकिन मुझे उम्मीद है कि अन्य कंपनियां भी यह काम कर सकती हैं।

स्पेसएक्स, दो अन्य कंपनियों के साथ मिलकर ईरान के आयरन डोम की तरह गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा कवच विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि कंपनियों ने एक योजना पेश की थी जिसके मुताबिक पृथ्वी की कक्षा में 400 से 1,000 सैटेलाइट को भेजा जाना था। इन उपग्रहों का उपयोग कर के रियल टाइम में मिसाइलों की ट्रैकिंग की जा सकेगी। रिपोर्ट के मुताबिक SpaceX भी इस योजना का हिस्सा थी।

ट्रंप ने जनवरी में किया था ऐलान
इससे पहले जनवरी में रिपब्लिकन कांग्रेस के एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका को अत्याधुनिक आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्टम का निर्माण तुरंत शुरू करने की जरूरत है। ट्रंप ने कहा था कि यह अमेरिकियों को खतरों से बचाने में सक्षम होगी। उस दौरान ट्रंप ने यह भी कहा था की यह प्रणाली अमेरिका में ही बनाई जाएगी।

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