
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने यूपीआई लाइट में एक बार में प्रति लेनदेन की सीमा को बढ़ा दिया है। अब ग्राहक एक बार में अधिकतम 1000 रुपये तक का ट्रांजैक्शन कर पाएंगे। पहले यह सीमा 500 रुपये थी। इसके साथ वॉलेट में राशि रखने की सीमा को दो हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया गया है। एनपीसीआई के सर्कुलर के अनुसार, ये नई लिमिट तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं।
हाल ही में अपने लेटेस्ट सर्कुलर के माध्यम से एनपीसीआई ने यूपीआई लाइट के लिए नई सीमाओं की घोषणा की है। यह निर्णय पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की घोषणा के अनुरूप लिया गया है। इसके जरिए छोटे मूल्य के लेनदेन को और आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है। एनपीसीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे इन नई सीमाओं को लागू करने के लिए तुरंत आवश्यक बदलाव करें।
इससे पहले राष्ट्रीय भुगतान निगम यूपीआई लाइट वॉलेट की शेष रकम को बैंक खाते में भेजने की सुविधा शुरू करने का निर्देश भुगतान सेवा प्रदाता बैंकों और ऐप्स कंपनियों को दिया है। यह यह सुविधा 31 मार्च तक शुरू हो जाएगी। वर्तमान में, यूपीआई लाइट का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ता अपने वॉलेट में रकम तो डाल सकते हैं , लेकिन उसे वापस निकालने का कोई विकल्प नहीं मिलता।
इसी के साथ ऑटो टॉप-अप की सुविधा भी लागू हो गई है। यानी बैंलेस कम होने पर सीधे बैंक खाते से राशि अपने आप कटकर यूपीआई लाइट वॉलेट में जुड़ जाएगी। इसके लिए ग्राहकों को यह सुविधा सक्रिय करनी होगी। उपभोक्ता ऐप में अपने प्रोफाइल पर क्लिक करें। वहां यूपीआई लाइट का विकल्प मिलेगा, उस पर क्लिक करें। उसके बाद ऐड मनी का विकल्प आएगा, जिसमें रकम भरकर अपना बैंक चयनित करें और फिर पिन डालकर रकम को जोड़ें। ग्राहक ऑटो टॉप-अप की सीमा भी निर्धारित कर सकते हैं। यूपीआई लाइट वॉलेट में 5000 रुपये तक रख सकते हैं।
एनपीसीआई के नए सर्कुलर के मुताबिक, इसके साथ ही यूपीआई लाइट के यूजर्स को पांच सौ रुपये से नीचे के भुगतान पर पिन नंबर डालने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा एनपीसीआई ने बैंकों से उन यूपीआई लाइट खातों की पहचान करने के लिए कहा गया है, जिनमें पिछले छह महीनों में कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है। इन खातों में शेष राशि बैंक खाते में वापस भेज दी जाएगी।