लश्कर-ए-तैयबा (LET) के संस्थापक सदस्य और हाफिज सईद के करीबी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत होने की पुष्टि हो गई है। 7 महीने पहले ही जेल में उसकी मौत हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लेटर जारी करके इसकी पुष्टि की। 2008 के मुंबई आतंकी हमले के लिए गुर्गों को भुट्टावी ने ही ट्रेंड किया था। अपने भाषणों से उन्हें उकसाया था। दरआल, भुट्टावी की मौत होने की खबर 2 साल पहले फैली थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तब इस बात को मानने से इनकार कर दिया था। अब UNSC ने मान लिया है कि लश्कर के संस्थापकों में से एक अब्दुल सलाम भुट्टावी मर चुका है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भुट्टावी हाफिज सईद के इतना करीब था कि नवंबर 2008-09 में जब भारतीय पुलिस ने हाफिज सईद को हिरासत में लिया था, तब भुट्टावी ने लश्कर और जमात-उद-दावा के कार्यवाहक के रूप में कार्य किया था। उसके दिन-प्रतिदिन के कामों को संभाला था। अहम फैसले लिए थे। हाफिज सईद को मई 2002 में भी हिरासत में लिया गया था, तब भी उसने दोनों संगठनों को संभाला था। भुट्टावी को लश्कर और जमात-उद-दावा के मदरसा नेटवर्क की जिम्मेदार मिली हुई थी। 2002 में उसने पाकिस्तान के लाहौर में लश्कर का बेस बनाने की जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन अब भुट्टावी की 29 मई 2023 को पंजाब प्रांत के मुरीदके में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
भुट्टावी लश्कर और जमात-उद-दावा के सदस्यों को आवश्यक निर्देश देता था। दोनों के द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के लिए फतवा जारी करता था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी भुट्टावी ने ही साल 2008 में मुंबई आतंकी हमले के हमलावरों को ट्रेनिंग की था। नवबंर 2008 में समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे 10 आतंकियों ने खूब कत्लेआम किया था। हमले में 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हुए थे। आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ही ली थी। हमले में मरने वालों में 6 अमेरिकी भी शामिल थे।