पद्मश्री किसान से लिए खेती के टिप्स,फसलों का जायजा

जम्मू कश्मीर से आया 13 सदस्यीय पत्रकारों का दल बाराबंकी पहुंचा. इन पत्रकारों से जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह ने मुलाकात की और उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं की बाराबंकी जिले में प्रगति के बारे में बताया. आपको बता दें कि पत्रकारों का यह डेलीगेशन सूचना और प्रसारण मंत्रालय के निदेशक मनोज कुमार वर्मा की अध्यक्षता में बाराबंकी पहुंचा था. इस दौरान पत्रकारों ने समूह की दीदियों और पद्मश्री किसान रामसरन वर्मा से आय बढ़ाने के टिप्स भी लिए.

पत्रकारों से बातचीत में डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बाराबंकी में 4.69 लाख लोग किसान सम्मान निधि, 16.8 लाख आयुष्मान कार्ड समेत अन्य योजनाओं के लाभार्थी हैं. वहीं सीडीओ एकता सिंह ने बताया कि जो लोग केंद्र सरकार की योजनाओं से वंचित रह गए हैं, उन्हें 1155 ग्राम पंचायतों में विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है. वहीं जम्मू कश्मीर से आई 13 सबसे टीम के सदस्य ने बताया हम लोग बाराबंकी में विजिट करने आए थे. यहां पर सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी ली. इसके साथ यहां की प्रमुख फसलों और खेती के साथ और भी कई योजनाओं के बारे में बताया गया.
जम्मू कश्मीर के पत्रकारों के दल ने सिद्धौर ब्लॉक की ग्राम पंचायत ममरखापुर में मनरेगा के तहत निर्माण किए गए पार्क का भी निरीक्षण किया. उसके बाद प्रगतिशील किसान रामशरण वर्मा के फार्म हाउस पहुंचे. जहां पर किसान रामशरण वर्मा ने खेती के बारे में विधवत जानकारी दी और साथ ही ड्रोन द्वारा खेती में नैनो यूरिया वह दवाइयां का छिड़काव कर दिखाया. किसान रामशरन वर्मा ने बताया कि कश्मीर के किसानों को ठंड के सीजन की फसलों पे ध्यान देते हुए विविधिकरण पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्होंने बताया कि वह एक एकड़ में 150 क्विंटल से ज्यादा आलू का उत्पादन कर रहे हैं. इससे 30 प्रतिशत तक पानी की बचत हो रही है. साथ ही उनका मुनाफा भी कई गुना बढ़ गया है.

कश्मीरी पत्रकारों के दल ने स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थापित किए गए अन्नप्राशन प्रेरणा महिला लघु उद्योग द्वारा लगाए गए स्टालों पर उनके हाथ के बने प्रोडक्ट्स को भी देखा. स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थापित किए गए अन्नप्राशन प्रेरणा महिला लघु उद्योग में उनकी मुलाकात समूह की दीदी ममता वर्मा से हुई. जिन्होंने बताया कि इस उद्योग की लागत 90 लाख रुपए है. इस समूह के माध्यम से सभी सदस्य आत्मनिर्भर बनी हैं और उनकी आय में वृद्धि हुई है.

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