लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को हराने के लिए बना इंडिया गठबंधन अपनी चुनौतियों से ही जीत नहीं पा रहा. गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीट बंटवारे की है. अभी तक आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच पंजाब और दिल्ली में सीट बंटवारे को लेकर टकराहट चल रही थी, लेकिन अब इसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल हो गया है.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 42 में से करीब 2 सीट ही ऑफर कर सकती है. हालांकि कांग्रेस की नजर गठबंधन की स्थिति में कम से कम 6 दर्जन सीटों पर है. सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल ने अपने प्रस्ताव के बारे में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया है.
वहीं, बंगाल के कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय नेताओं को बताया है कि अगर सम्मानजनक सीटें मिलती हैं तो वह गठबंधन के लिए तैयार हैं. बंगाल कांग्रेस के नेता पार्टी के लिए छह से आठ सीटें चाहते हैं.
तृणमूल का तर्क है कि कांग्रेस ने 2019 की लोकसभा सीटों में से 20 में से केवल दो सीटें जीतीं, जबकि 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. हालांकि कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने हाल ही में एक उपचुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन बाद में यह उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस में चला गया. कांग्रेस सूत्रों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उसने अकेले लड़कर दो सीटें जीती हैं और वे किसी और की मदद के बिना भी इसे फिर से जीत सकते हैं.