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लखनऊ। महाकुंभ-2025 के आयोजन से पहले प्रयागराज में एक नया विवाद सामने आया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने महाकुंभ के दौरान गैर-हिंदुओं को दुकानें लगाने की अनुमति नहीं देने की बात की। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि चाय की दुकानों, जूस स्टॉल्स और फूलों की दुकानों को गैर-हिंदू व्यापारियों को देने से धार्मिक स्थल की पवित्रता और सुरक्षा पर खतरा आ सकता है।
महंत रविंद्र पुरी का यह बयान महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के आयोजन से संबंधित है, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। उनका कहना था कि महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्य को बनाए रखने के लिए केवल हिंदू समुदाय के व्यापारियों को ही अनुमति दी जानी चाहिए।
महंत रविंद्र पुरी का यह बयान महाकुंभ-2025 के आयोजन से जुड़े विवाद को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर गैर-हिंदुओं को दुकानों की अनुमति दी जाती है, तो इसके परिणामस्वरूप अनुशासनहीनता हो सकती है, और उन्होंने इस तरह की स्थिति को लेकर नागा साधुओं को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होने की बात की। उनका दावा था कि यदि ऐसा हुआ तो महाकुंभ के पवित्र स्थल पर थूकने और पेशाब करने जैसी घटनाएं हो सकती हैं, जिससे पूरे आयोजन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा।
महंत पुरी ने यह भी कहा कि अगर महाकुंभ के दौरान ऐसी घटनाएं हुईं तो यह दुनियाभर में गलत संदेश भेजेगा और इससे धार्मिक स्थल की पवित्रता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ सकते हैं। उनके बयान ने धार्मिक संवेदनाओं को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, खासकर ऐसे आयोजन में जहां देश-विदेश से लाखों लोग एकत्रित होते हैं।