
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन फतेहपुर में मकबरे-मंदिर विवाद की घटना को लेकर जमकर हंगामा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने इस मुद्दे को उठाते हुए योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि फतेहपुर में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का काम हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती है कि यूपी में शांति व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़े और एक पक्षिय राजनीति इनकी चल सके। वहीं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
सपा नेता व नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बताया कि एक पार्टी के नेता ने एलान किया कि ये मकबरा हिंदुओ का है, हम इस पर कब्जा करेंगे। बड़ी संख्या में लोगों को लेकर वहां पहुंच गए थे। पुलिस ने उसकी बैरिकेडिंग की थी, लेकिन वहां पर्याप्य पुलिस नहीं थी। इसकी वजह से ये लोग पुलिस को धक्का देते हुए वहां घुस गए और तोड़फोड़ की गई।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। वहीं नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस मामले में सरकार का कोई इंवॉलमेंट नहीं है। इस बात का हम पूरी तरह से खंडन करते हैं। कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के इतना कहते ही विपक्ष हंगामा करने लगा। इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे विधायकों को शांत रहकर वित्त मंत्री का जवाब देने की अपील की।
कैबिनेट मंत्री ने आगे बताया कि 11 अगस्त को थाना कोतवाली फतेहपुर में इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इस मामले में कानून अपना काम करेगा। जो भी कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसे न्यायिक प्रक्रिया में तहत दंड मिलेगा। इस पर माता प्रसाद पांडेय ने पलटवार करते हुए कहा कि आपकी पार्टी के अध्यक्ष ने घोषणा की थी, उस मुकदमे में उनका नाम नहीं है।
इसके बाद विपक्ष के नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और तानाशाही बंद करो-बंद करो के नारेबाजी करना शुरू दिया। हंगामा करते हुए सपा विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने आकर खड़े हो गए थे।