
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण (ठाकुरजी) को पहनाए जाने वाले वस्त्र को लेकर अगल ही मांग शुरू हो गई है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुकदमा लड़ रहे दिनेश फलाहारी ने एक ऐसी मांग की है, जिससे मुस्लिम कारीगरों के सामने रोजगार चलाना मुश्किल हो सकता है। दरअसल, मथुरा के मंदिरों में ठाकुर जी को पहनाई जाने वाली पोशाक को हिन्दू कारीगर से बनाने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि दिनेश फलाहरी ने वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें कहा गया है कि ठाकुर जी को जो पोशाक हिन्दू कारीगरों की ओर से तैयार कराकर ही धारण कराई जाए।
मुस्लिम कारीगरों और दुकानदारों की इस मामले में अलग ही प्रतिक्रिया सामने आई है। एक मुस्लिम कारीगर ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास कई दुकानों पर श्रृंगार पोशाक का सामान मिलता है। मुस्लिम कारीगर श्री कृष्ण के पोशाक बनाने का काम करते हैं। ये पोशाक सिल्क, जरी और रेशम के धागों से बुनी हुई होती है। विदेशों में कृष्ण भक्त यहां से पोशाक की मांग करते हैं। भारी मात्रा में यहां से पोशाक विदेश भेजी जाते हैं।
दूसरी ओर एक मुस्लिम कारीगर ने बताया कि जब तक काम चल रहा है तब तक कर रहे हैं। आगे फिर जो भी होगा तो दूसरा काम देखेंगे। दिल तो दुखता ही है। अगर उनकी बातों पर लोगों ने पोशाक लेना बंद कर दिया, तो हम तो भूखों मर जाएंगे। इस तरह की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। 10 से 12 घंटे काम करते हैं, तब जाकर 400 से 500 रुपये की मजदूरी बन पाती है। यह काम करते हुए 40 साल हो गए।
दरअसल, हजारों मुस्लिम परिवार वृंदावन में ठाकुर जी की पोशाक और जड़ावटी श्रृंगार का काम करते हैं। इस काम से ही वह वर्षों से अपने परिवार का पालन-पोषण कर हे हैं। मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाई गई पोशाक बांके बिहारी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, द्वारिकाधीश मंदिर जैसे प्रमुख मंदिरों में पहनाई जाती है। मुस्लिम समाज की ओर से तैयार की जाने वाली पोशाकों की बिक्री देश एवं विदेश में भारी मात्रा में होती है।
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