मुसलमानों के देश में सबसे बड़ा हिन्दू बन रहा बन रहा है, जिसका ड्रोन व्यू सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस मंदिर की नींव प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी और वही इसका उद्घाटन 14 फरवरी 2024 में करेंगे। मंदिर बना रही संस्था BAPS के स्वामी ईश्वरचरणदास और स्वामी ब्रह्म बिहारी दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। यह मंदिर मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी में बन रहा है। यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर की तरह ही काफी भव्य और शानदार है, जो करीब 55 हजार वर्ग मीटर में बन रहा है। इसे भारतीय कारीगर ही बना रहे हैं, जिसमें रामायण, महाभारत और भारतीय महाकाव्यों के दर्शन होंगे।
अबूधाबी में बन रहा मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है, जो जिस जमीन पर बनाया जा रहा है, वह जमीन प्रधानमंत्री मोदी को अगस्त 2015 में UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाह्यान ने तोहफे में दी थी, जब वे मुस्लिम देश की अपनी यात्रा पर गए थे। 2 साल बाद 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही मंदिर की नींव रखी। मंदिर के निर्माण कार्य में 10 लाख 80 हजार ईंटें इस्तेमाल हुई हैं, जिनमें से 50 हजार ईंटें लोगों ने दी हैं। ईंटें देने वालों में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, एक्टर संजय दत्त और अक्षय कुमार शामिल हैं। मंदिर का निर्माण कर रही बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संस्था (BAPS) दुनियाभर में 1100 से ज्यादा हिन्दू मंदिर बनवा चुकी है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर भी इसी संस्था ने बनवाया था।
हिन्दू मंदिर 18 फरवरी 2024 से लोगों के लिए खुल जाएगा। इसके निर्माण में 700 करोड़ खर्च हुए हैं। इस मंदिर को बनाने में न स्टील का इस्तेमाल हुआ और न ही कंक्रीट का, बल्कि 108 फीट ऊंचे इस मंदिर को बनाने में 40 हजार घन मीटर संगमरमर और 180 हजार घन मीटर गुलाबी बलुआ पत्थर इस्तेमाल हुआ है। यह मंदिर इतना मजबूत है कि इसे एक हजार साल तक कुछ नहीं होगा। मंदिर में 7 शिख बनेंगे, जो संयुक्त अरब अमीरात का प्रतीक होंगे। मंदिर के कैंपस में विजिटर्स सेंटर, प्रेयर रूम, लाइब्रेरी, क्लासरूम, कम्युनिटी सेंटर, मजिलिस, एम्फीथियेटर, प्ले ग्राउंड, गार्डन, बुक्स और गिफ्ट शॉप्स, फूड कोर्ट भी बनाया जाएगा। हिन्दू मंदिर का डिजाइन भारतीय वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरित है। वहीं मंदिर उद्घाटन के लिए जो कार्यक्रम होगा, उसे ‘सद्भाव का त्योहार’ नाम दिया जाएगा।