
लखनऊ। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ रहते हुए निवेशक से रिश्वत मांगने के आरोपों में सस्पेंड आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें और बढ़ सकती है। 2005 बैच के अफसर अभिषेक प्रकाश को भटगांव जमीन अधिग्रहण और इन्वेस्ट यूपी में भ्रष्टाचार के आरोपों पर चार्जशीट दे दी गई है। नियुक्ति विभाग की तरफ से दी गई चार्जशीट का जवाब 15 दिन में जवाब देना है। यह समय सीमा एक महीने तक बढ़ सकती है। नियुक्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जवाब के आधार पर तय किया जाएगा कि मामले में जांच अधिकारी नियुक्त होगा या नहीं। मगर इतना साफ है कि अब अभिषेक का निलंबन खत्म होने में और वक्त लग सकता है।
सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में अभिषेक से पूछा गया है कि भटगांव जमीन अधिग्रहण मामले में प्रशासनिक लापरवाही कैसे हुई। अभिषेक पर मुख्य रूप से प्रशासनिक लापरवाही से जुड़े चार आरोप लगाए गए है। गौरतलब है कि अभिषेक के डीएम रहते हुए सरोजनीनगर के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसमें बड़े पैमाने पर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई थी। मामले की जांच तत्कालीन राजस्व परिषद चेयरमैन रजनीश दुबे ने की थी। इसमें तत्कालीन डीएम के साथ-साथ पीसीएस रैंक के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे।
इन्वेस्ट यूपी से जुड़े घूसखोरी प्रकरण में जो चार्जशीट अभिषेक को दी गई है, उसमें मुख्य रूप से मूल्यांकन समिति की उस बैठक के बारे में पूछा गया है, जो 12 मार्च, 2025 को हुई थी। इसमें सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी एसएईएल सोलर पी-6 प्राइवेट लिमिटेड का प्रकरण मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमिटी को भेजने का निर्णय लिया गया था, लेकिन बाद में इस निर्णय पर रोक लगाते हुए इसे फिर से मूल्यांकन के लिए क्यों भेजा गया।