
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। अखिलेश यादव ने दावा किया था कि लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री (सीएम) हाउस में एक शिवलिंग है और इसके बारे में खुदाई करने की आवश्यकता हो सकती है। उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, और भाजपा के उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव पर पलटवार किया। साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि वह पहले अपने इटावा स्थित घर की खुदाई करवा लें। उनका यह बयान सीएम हाउस के बारे में अखिलेश यादव की टिप्पणी को चुनौती देते हुए था। साक्षी महाराज ने कहा कि अखिलेश यादव को केवल सीएम हाउस में ही शिवलिंग दिख रहा है, जबकि उन्हें अपने खुद के घर की स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए।
अखिलेश यादव के बयान में जहां उन्होंने सीएम हाउस में शिवलिंग होने की संभावना व्यक्त की और खुदाई की बात कही, वहीं साक्षी महाराज ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि देश संविधान से चलेगा, न कि शरीयत से। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शरीयत की बात कर रहे हैं, उन्हें अपनी अक्ल को दुरुस्त करना चाहिए। साक्षी महाराज ने साफ कहा कि देश फतवों से नहीं चलेगा, और इस तरह की बयानबाजी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, ओम प्रकाश राजभर ने भी अखिलेश यादव पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपने मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनका वोट बैंक खिसक न जाए। राजभर ने यह सवाल उठाया कि अगर अखिलेश यादव को सीएम हाउस में शिवलिंग होने की जानकारी थी, तो उन्होंने अपनी मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान खुदाई क्यों नहीं करवाई।
उन्होंने यह भी कहा कि सपा केवल बिना काम किए मुस्लिम वोट बैंक जुटाने की कोशिश कर रही है, जबकि एनडीए (भा.ज.पा.) काम करके वोट मांग रही है। यह बयान सपा और भाजपा के बीच तीव्र राजनीतिक संघर्ष को दर्शाते हैं, जिसमें एक तरफ भाजपा अपने धर्मनिरपेक्ष एजेंडे को लेकर चल रही है, जबकि सपा अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए ऐसे विवादित बयान दे रही है। यह बयान राजनीतिक तौर पर अहम है क्योंकि यह सीएम हाउस और उसके ऐतिहासिक संदर्भ को लेकर एक नया विवाद खड़ा करता है। अखिलेश यादव का बयान और भाजपा का पलटवार इस बात का संकेत हैं कि आगामी चुनावी माहौल में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों का महत्व बढ़ सकता है।