लापता लेडीज और बुर्का सिटी का विवाद बढ़ा

मुंबई। ‘लापता लेडीज’ और ‘बुर्का सिटी’ का विवाद बढ़ता जा रहा है। पूरे देश को उस वक्‍त तगड़ा झटका लगा, जब कई लोगों ने यह दावा किया कि किरण राव की 2023 की फिल्म असल में फैब्रिस ब्रैक की अरबी शॉर्ट फिल्म ‘बुर्का सिटी’ की कॉपी है। यह फिल्‍म 2019 में रिलीज हुई थी और दोनों में कई समानताएं देखी गई हैं। अब ‘बुर्का सिटी’ के डायेक्‍टर फैब्रिस ने कहा है कि वह यह सब देखकर ‘हैरान’ और ‘दुखी’ हैं। यही नहीं, उन्‍होंने यह भी कहा कि वो ‘लापता लेडीज’ के मेकर्स से इस बारे में बात करना चाहते हैं। दूसरी ओर, राइटर बिप्लब गोस्वामी ने ‘लापता लेडीज’ पर लग रहे प्लेगरिज्म (साहित्यिक चोरी) के दावों का खंडन किया है और इसे निराधार बताया है।

फैब्रिस ब्रैक ने बातचीत में कहा है कि उन्‍हें हाल ही इस बारे में पता चला। जब उनसे दोनों फिल्मो में समानता के बारे में पूछा गया, तो फ्रांसीसी डायरेक्‍टर ने कहा, ‘फिल्म की पिच मेरी शॉर्ट फिल्म से मिलती-जुलती है। इसमें भी एक ‘दयालु, प्यार करने वाला, भोला पति’ है। एक ‘भ्रष्ट’ पुलिस अधिकारी है। घूंघट में महिला की तस्वीर वाली सीन में भी समानताएं हैं।’

डायरेक्‍टर ने आगे यह भी कहा, ‘फिल्‍म के आख‍िर में प्‍लॉट में जो ट्व‍िस्‍ट है, उसमें भी समानता है, जहां हमें पता चलता है कि एक महिला ने जानबूझकर अपने पति से भागने का फैसला किया। मैंने यह शॉर्ट फिलम 2017 में लिखी थी और 2019 में इसे कई फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल्‍स में दिखाया गया था। इसे 2020 में कोलकाता और ऑरोविले में दो फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल्‍स में भी दिखाया गया था।’

जब फैब्रिस ब्रैक से पूछा गया कि ‘लापता लेडीज’ देखने के बाद उन्हें कैसा लगा, तो डायरेक्‍टर ने कहा, ‘जब मुझे पता चला, तो मैं हैरान और दुखी दोनों था, खासकर जब से मुझे पता चला कि फिल्म भारत में बहुत बड़ी सफलता रही है और ऑस्कर के लिए भी शॉर्टलिस्ट की गई थी। जहां तक मेरा सवाल है, मुझे उम्मीद थी – और मैं इस पर चर्चा कर रहा था कि ‘बुर्का सिटी’ को एक फीचर फिल्म के रूप में बना सकते हैं। लेकिन क्या अब यह संभव है? मैं ‘लापता लेडीज’ के मेकर्स से बात करना चाहता हूं।

दूसरी ओरी, लापता लेडीज के राइटर बिप्लब गोस्वामी ने भी एक बयान जारी कर ‘साहित्यिक चोरी’ के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 2014 में स्क्रीनराइटर एसोसिएशन के साथ ‘लापता लेडीज’ और 2018 में SWA के साथ ‘टू ब्राइड्स’ टाइटल से फीचर-लेंथ स्क्रिप्ट रजिस्‍टर की थी। उन्होंने लिखा, ‘ये आरोप न केवल एक लेखक के रूप में मेरे प्रयासों को कमजोर करते हैं, बल्कि पूरी फिल्म निर्माण टीम की मेहनत को भी कमजोर करने वाले हैं।’

बिप्‍लब ने आगे कहा, ‘फिल्म का कॉन्‍सेप्‍ट, किरदार और डायलॉग पर कई साल से काम चल र‍हा था। ऑफिश‍ियली इसे 3 जुलाई, 2014 को ‘टू ब्राइड्स’ टाइटल से रजिस्‍टर किया गया। फिल्‍म की कॉमेडी, ट्विस्‍ट, यहां तक कि एक दूल्हे का अनजाने में गलत दुल्हन को उसके चेहरे के ढके होने के कारण घर ले आना, यह सब ‘बुर्का सिटी’ के रिलीज होने से बहुत पहले प्रस्तुत की गई सिनॉप्सिस और स्क्रिप्ट का हिस्सा था। ‘लापता लेडीज’ को अलग-अलग कहानी, ऑरिजनल कैरेक्‍टर्स और एक सोशल मैसेज को मिलाकर आकार दिया गया।’

‘लापता लेडीज’ के राइटर ने कहा कि ग्रामीण भारत और ग्‍लोबल लेवल पर ‘लैंगिक असमानता’ और ‘पितृसत्तात्मक व्यवस्था’ जैसे मुद्दों पर उन्‍होंने रिसर्च की है। लिहाजा, ‘साहित्यिक चोरी’ जैसे सभी आरोप पूरी तरह से झूठे हैं।

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