
न्यूयॉर्क। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तमाम देशों में भारत का डंका बजवाने वाले शशि थरूर को अमेरिका में अपने बेटे के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। न्यूयॉर्क में मीडियो से बात कर रहे थरूर के सामने सवाल पूछने के लिए उनका पत्रकार बेटा इशान थरूर खड़ा हो गया। अपने बेटे को खड़ा देख थरूर ने कहा कि यह मेरा बेटा है, ऐसा नहीं होना चाहिए.. थरूर के इतना कहते हैं वहां पर मौजूद सभी लोग हंसने लगे।
न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत कर रहे शशि थरूर सवाल पूछने के लिए खड़े हुए अपने बेटे को देखकर मुस्कराने लगे उन्होंने तुरंत कहा, “अरे ऐसा नहीं होना चाहिए.. यह मेरा बेटा है। जब ईशान सवाल पूछ रहे थे तो उसी दौरान थरूर ने अपने बेटे से माइक को ऊपर उठाने के लिए कहा, जिससे बेहतर ढंग से सुनाई दे। इसके साथ ही उन्होंने बाकी लोगों को संबोधित करते हुए कहा.. मैंने इससे सवाल पूछने के लिए नहीं कहा था।
थरूर के इतना कहने के बाद वाशिंगटन पोस्ट की तरफ से वहां मौजूद ईशान ने अपना सवाल थरूर के सामने रखा। उन्होंने अपने पिता से पूछा, “क्या किसी देश ने पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से किसी तरह का सबूत मांगा था?.. क्योंकि पाकिस्तान ने हमले में किसी भी तरह की भूमिका से पूरी तरह से इनकार किया है।”
इसके बाद थरूर ने ईशान के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि आपने इस मुद्दे को उठाया है। मैं सीधे तौर पर कहना चाहूंगा कि किसी भी देश ने हमसे किसी भी प्रकार के कोई सबूत की मांग नहीं की। किसी को कोई संदेह नहीं था.. हां, मीडिया ने दो-तीन जगहों पर पूछा है.. और मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि भारत ने पुख्ता सबूतों के बिना कोई भी कार्रवाई नहीं की।”
उन्होंने कहा, “मैं तीन मुख्य बातों की तरफ सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। पहली यह है कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के ऊपर आतंकी हमले करने का सिलसिला पिछले 37 सालों से जारी है और हर हमले में पाकिस्तान अपनी भूमिका का इनकार ही करता है.. मेरा मतलब यह है कि अमेरिका को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि ओसामा बिन लादेन कहां मिला था। वह पाकिस्तान की सेना के बगल में बैठा था और पाकिस्तान लगातार इस बात से इनकार कर रहा था कि उसे नहीं पता कि ओसामा कहां है। इसके अलावा 26/11 मुंबई हमले.. पाकिस्तान लगातार अपनी भूमिका से इनकार करता रहा.. लेकिन सच्चाई दुनिया को पता है.. इसलिए मैं कहता हूं कि वह दुनिया में आतंकवाद को भेजते हैं और फिर इस बात से तब तक इनकार करते रहते हैं.. जब तक कि वह रंगे हाथों पकड़े नहीं जाते।”
आपको बता दें शशि थरूर अमेरिका जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्वकर्ता हैं। इनके नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को बड़ी सफलता मिली है। थरूर के साथ बैठक के बाद कोलंबिया ने पहलगाम हमले को लेकर अपने बयान को बदल दिया था, जबकि बाकी अन्य देशों ने भी भारत के प्रति अपने समर्थन को दोहराया था।