निविदा पार्ट-वन तकनीकी बिड 18 फरवरी को खुलना प्रस्तावित

लखनऊ। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) एक बार फिर सवालों से घिरने के बीच बैकफुट में नजर आ रहा है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने ट्रांजैक्शन एडवाइजर (कंसल्टेंट) के टेंडर के पार्ट वन खोलने की तारीख को समय से पहले ही 15 दिन आगे बढ़ा दिया है।

पीपीपी मॉडल को लेकर इस पूरे प्रकरण में पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने पहले एक कंसल्टेंट गुपचुप तरीके से रखकर जल्दबाजी में 5 दिसंबर 2024 को मसौदा मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एनर्जी टास्क फोर्स में पास कराया। इस तरह पूर्वांचल व दक्षिणांचल के 42 जनपदों के निजीकरण का एलान कर दिया गया। इसी बीच विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) में अनेक विरोध प्रस्ताव और लोक महत्व याचिकाएं दाखिल कर वित्तीय व तकनीकी पैरामीटर में बड़े पैमाने पर कर्मियों का खुलासा कर दिया। 

इसके बाद टेंडर जारी करने के साथ निविदा पार्ट-वन तकनीकी बिड 3 फरवरी को 3 बजे खुलना प्रस्तावित किया गया। इसी बीच प्रीपेड कॉन्फ्रेंस में आई तीन कंसलटेंट कंपनियों को लेकर उपभोक्ता परिषद ने पुनः ट्रांजैक्शन एडवाइजर के कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट को लेकर बड़ा सवाल उठाते हुए मोर्चा खोल दिया। पूरा मामला एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में पेश किया गया। इसके बाद पावर कारपोरेशन ने 1 फरवरी को यानी 3 फरवरी से दो दिन पहले पुनः टेंडर के पार्ट वन को खोलने की तारीख 15 दिन आगे बढ़ाकर 18 फरवरी 2025 कर दी।  

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