तेलंगाना टनल हादसा: रडार सर्वे से नहीं मिला फायदा

नगरकुरनूल। तेलंगाना में हुए सुरंग हादसे को दस दिन का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक सुरंग में फंसे लोगों को बचाया नहीं जा सका है। रडार सर्वे से पीड़ितों की स्थिति का पता लगने का दावा किया गया था, लेकिन अब जांच में वहां सिवाए धातु के टुकड़ों के कुछ नहीं मिला है। यही वजह है कि बचाव टीम ने अब फैसला किया है कि रडार सर्वे की जगह के अलावा अन्य जगहों पर भी पीड़ितों की तलाश की जाएगी।

नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने सुरंग के भीतर ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार सर्वे किया था ताकि सुरंग में फंसे आठ लोगों की स्थिति का पता लगाया जा सके। सर्वे में जिन जगहों पर पीड़ितों के होने का अनुमान था, वहां अब जांच में सिर्फ धातु के तत्व मिले हैं। यही वजह है कि अब वैज्ञानिकों ने रडार सर्वे से इतर जगहों पर भी पीड़ितों की तलाश करने की सलाह दी है। साथ ही वैज्ञानिक जल्द ही एक बार फिर से रडार सर्वे करने की योजना बना रहे हैं। दरअसल सुरंग के भीतर पानी और मलबे की वजह से बचाव और तलाशी अभियान में परेशानी आ रही है।

बचाव टीम में जुटे अधिकारियों को उम्मीद है कि सोमवार को सुरंग की कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत का काम पूरा हो सकता है, जिसके बाद सुरंग के भीतर से गाद और मलबे को जल्द हटाया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि सुरंग में फंसे लोगों की सही स्थिति का अभी तक पता नहीं चल सका है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। सीएम ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार पीड़ित परिवारों को भी मदद देगी।

उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कनाल प्रोजेक्ट चल रहा है। जयप्रकाश एसोसिएट्स कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा कर रही है। बीती 22 फरवरी को सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसमें आठ लोग फंस गए। सुरंग में फंसे हुए लोगों की पहचान मनोज कुमार (यूपी), श्री निवास (यूपी), सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है। ये सभी झारखंड के रहने वाले हैं।

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