पटना. बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद नीतीश सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय की समीक्षा का फैसला लिया है. बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय ने इसको लेकर आदेश पत्र भी जारी कर दिया है. इसमें महागठबंधन की सरकार में लिए गए निर्णय की समीक्षा की बात कही गई है. अब इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार ने भी सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर दिया है कि जो कुछ भी गड़बड़ी हुई है उसकी जांच होगी क्योंकि कोई गड़बड़ी हुई है तो वो सामने आना चाहिए.
तेजस्वी यादव के विभागों की जांच पर मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित तौर पर अगर गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच होगी. बता दें कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय की समीक्षा का फैसला लिया है. बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय के द्वारा पत्र जारी किया गया जिसमें महागठबंधन की सरकार में लिए गए निर्णय की समीक्षा की बात कही गई है. पत्र में यह लिखा गया है कि मंत्री के स्तर पर 1 अप्रैल 2023 से जो भी निर्णय लिया गया है उनकी समीक्षा होगी.
बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय के द्वारा जो पत्र जारी किया गया उसमें लिखा गया है कि दिनांक 1- 4 – 2023 से स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग खान एवं भूतत्व विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग में पूर्व मंत्री के स्तर पर किए गए कार्यों और लिए गए निर्णय की समीक्षा की जाए. आगे इस पत्र में यह भी लिखा गया कि यदि आवश्यक हो तो सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन के बाद उसमें संशोधन भी किया जाए. इस संबंध में विभाग के मंत्रियों को इससे संबंधित आदेशों की जानकारी दी जाए और उनसे इस संबंध में जरूरी निर्देश भी लिया जाए.
नीतीश सरकार के निर्णय से साफ हो गया है कि एनडीए सरकार ने पूर्व की सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ-साथ विभिन्न विभागों के मंत्री का दायित्व संभाल चुके तेजस्वी यादव और उनके मंत्रियों के विभागों की जांच कराएगी, जिससे उनकी मुसीबत बढ़ सकती है. बता दें कि हाल में ही बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम बने सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव और आरजेडी कोटे के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उनके विभागों की सभी फाइलों को खोलने की बात कही थी.
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा था कि किसी को नहीं बख्शा जाएगा और सभी की फाइल खोली जाएगी. सम्राट चौधरी के बाद विधानसभा में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी कोटे के मंत्रियों पर कमाई करने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा था कि ये लोग कमाई करने लगे थे, इसलिए साथ छोड़ दिया. मुख्यमंत्री ने सदन में ऐलान किया था कि वे सभी चीजों की जांच कराए जाएंगे.