आईएएफ की पहली महिला पायलट बनीं तनुष्का

नई दिल्ली। जगुआर जैसे शक्तिशाली फाइटर जेट स्क्वाड्रन में स्थायी तैनाती पाने वाली पहली महिला पायलट बनना एक ऐतिहासिक कदम है, जो दिखाता है कि महिलाएं अब रक्षा क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित कर रही हैं। फ्लाइंग ऑफिसर तनुष्का सिंह की यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। यह भारतीय वायुसेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनके प्रति बदलते दृष्टिकोण का प्रतीक है।

तनुष्का सिंह की यह सफलता सिर्फ उनकी मेहनत और लगन का नतीजा नहीं है, बल्कि उनके परिवार की देशभक्ति की विरासत का भी एक उदाहरण है। उनके पिता और दादा भारतीय सेना में रह चुके हैं, जिससे उनके अंदर बचपन से ही राष्ट्र सेवा का जज्बा पैदा हुआ।

उत्तर प्रदेश की रहने वाली तनुष्का का मंगलुरु से गहरा नाता रहा है। उनकी शिक्षा भी बेहतरीन संस्थानों से हुई—DPS MRPL, सुरतकल से स्कूली शिक्षा और शारदा पीयू कॉलेज, मंगलुरु से आगे की पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की।

इससे यह भी साबित होता है कि तकनीकी शिक्षा और मजबूत एकेडमिक बैकग्राउंड, एक उत्कृष्ट फाइटर पायलट बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी यह उपलब्धि उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो भारतीय वायुसेना में अपना करियर बनाना चाहते हैं, खासकर उन लड़कियों के लिए जो आसमान की ऊंचाइयों को छूने का सपना देखती हैं। इससे आने वाली पीढ़ियों की महिला पायलटों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वे अपने सपनों को साकार कर सकती हैं, चाहे वे किसी भी क्षेत्र में हों। तनुष्का सिंह की इस सफलता पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है

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