
आज माघ पूर्णिमा है, हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का खास महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है जिससे साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माघ माह की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहा जाता है और इस साल माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान का विशेष महत्व माना गया है। पूर्णिमा के दिन स्नान व दान करने से देवी—देवता प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं। इस दिन शाम के समय चंद्रमा की पूजा का भी विधान है।
इसके अलावा माघ पूर्णिमा के दिन ग्रहों की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। धर्म ग्रंथों में इस दिन को स्नान-दान का महापर्व कहा गया है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक माघ महीने की पूर्णिमा पर तीर्थ के जल में भगवान विष्णु का निवास होता है। साथ ही इस दिन तिल दान करने से कई यज्ञ करने जितना पुण्य फल मिलता है।
पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 फरवरी 2025 को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर होगी और अगले दिन शाम को 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस साल माघ पूर्णिमा के दिन सौभाग्य और शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। जिससे इस दिन स्नान-दान के कार्यों का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है।
माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से साधक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इससे आध्यात्मिक उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा के दिन अन्न-धन,तिल, गुड़ और घी का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन खिलाना चाहिए।
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करें। इसके बाद सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग के वस्त्र बिछा लें इसके बाद उसे चारों तरफ से कलावा बांध दें। फिर भगवान विष्णु का पंचामृत से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र आदि अर्पित करके तिलक करें। इसके बाद प्रसाद के लिए पंचामृत, कसार, केले आदि रख लें और पूर्णिमा व्रत कथा का पाठ करें। अंत में भगवान की आरती करके अपनी पूजा संपन्न करें।
माघ पूर्णिमा पर तुलसी पूजा के नियम
शास्त्रों के अनुसार माघ पूर्णिमा पर तुलसी पूजा का खास महत्व है, इस दिन तुलसी के पौधे में ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए। तुलसी में जल देने के बाद कम से कम तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए। तुलसी की पूजा के समय महिलाओं को बाल खुले नहीं रखने चाहिए। तुलसी की पूजा के समय बालों को बांधकर ही रखना चाहिए। तुलसी के पौधे को जूठे और गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। तुलसी पर रविवार के दिन न तो जल चढ़ाना चाहिए और न ही दीपक जलाना चाहिए। तुलसी के पौधे में भूलकर भी दूध मिला पानी नहीं डालना चाहिए। तुलसी के पौधे पर बेलपत्र, आंकड़ा या धतूरे का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। तुलसी के पौधे में कभी भी तिल का तेल अर्पित नहीं करना चाहिए।
माघी पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से साधक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इससे आध्यात्मिक उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा के दिन अन्न-धन,तिल, गुड़ और घी का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। साथ ही गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन खिलाना चाहिए।
माघ पूर्णिमा पर करें ये उपाय, मिलेगा लाभ
नदियों में स्नान से होता है लाभ- माघ पूर्णिमा के दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है, साथ ही मन और आत्मा भी शुद्ध होती है।
मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा- इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए, ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी और आपके परिवार पर ईश्वर का आशीर्वाद बना रहेगा।
पीपल की पूजा- माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। पीपल के पेड में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।