खीरी के निलंबित अधिकारियों को किया गया बहाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में ज़मीन की पैमाइश रोकने के आरोप में निलंबित किए गए आईएएस अधिकारी घनश्याम सिंह और तीन पीसीएस अधिकारियों को राज्य सरकार ने बहाल कर दिया है। यह मामला एक भाजपा विधायक द्वारा रिश्वतखोरी का आरोप लगाने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद सामने आया था। नवंबर में निलंबित इन अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच के बाद बहाली हुई है। इस फ़ैसले पर प्रशासनिक हलकों में काफ़ी चर्चा हो रही है।

लखीमपुर खीरी में तैनात आईएएस अधिकारी घनश्याम सिंह और तीन पीसीएस अधिकारी अरुण कुमार सिंह, विधेश सिंह, और रेनू को नवंबर में निलंबित कर दिया गया था। इन पर एक सेवानिवृत्त शिक्षक की ज़मीन की पैमाइश रोकने का आरोप था। मामला तब प्रकाश में आया जब लखीमपुर खीरी के सदर भाजपा विधायक योगेश वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

24 अक्टूबर को विधायक कलेक्ट्रेट परिसर में स्कूटी पर बैठकर अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा रहे थे। विधायक का कहना था कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की ज़मीन की पैमाइश के लिए 5000 रुपये रिश्वत ली गई थी। उन्होंने इस रिश्वत की रकम वापस करने की मांग की। विधायक के शब्दों में, ‘सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में 5000 रुपये लिए गए। इस घूस की रकम को वापस किया जाए।

उच्च स्तर पर जांच के आदेश दिए गए। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के डीएम से पूरी रिपोर्ट मांगी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सौंपी गई। इस रिपोर्ट के आधार पर चारों अधिकारियों के ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, अब राज्य सरकार ने बुधवार को इन चारों अधिकारियों को बहाल कर दिया है।

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