
नई दिल्ली। रणवीर इलाहाबादिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण टिप्पणी से जुड़े मुद्दे पर उनकी मुश्किलें अभी भी बढ़ती जा रही हैं। यह मामला टाइम रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में माता-पिता पर की गई अश्लील टिप्पणी से जुड़ा हुआ है, जो सोशल मीडिया और मीडिया में काफी चर्चा में रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी टिप्पणियाँ दी हैं, और यह मामला अब कानून के नजरिए से भी महत्वपूर्ण बन गया है। इस तरह के मामलों में यह देखा जाता है कि सार्वजनिक व्यक्तित्व से संबंधित टिप्पणियाँ और बयान समाज पर किस प्रकार का प्रभाव डालते हैं, और उन्हें कितना जिम्मेदार होना चाहिए।
सर्वोच्च अदालत ने रणवीर इलाहाबादिया को “इंडिया गॉट लेटेंट” शो के दौरान की गई उनकी टिप्पणियों के लिए जमकर फटकार लगाई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह टिप्पणी की और यह स्पष्ट किया कि सार्वजनिक मंचों पर इस तरह के बयानों को गंभीरता से लिया जाएगा। मामले की सुनवाई में, अदालत ने यह भी कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियाँ समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं और इसके लिए जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया को आदेश दिया है कि वह बिना अदालत की अनुमति के देश से बाहर न जाएं। रणवीर ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें वह महाराष्ट्र और असम में कुछ कामकाजी उद्देश्यों के लिए यात्रा की अनुमति चाहते थे।
यह आदेश रणवीर के खिलाफ चल रहे मामले से जुड़ा हुआ है, जहां उनके बयानों के कारण विवाद उठ चुका है। कोर्ट ने इस आदेश के जरिए उन्हें विदेश यात्रा से रोकने का निर्णय लिया है, ताकि मामले की सुनवाई पर कोई असर न पड़े और न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित न हो।