सुप्रीम कोर्ट ने कचरा प्रबंधन पर जताई गंभीर चिंता

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कचरा जहां से निकल रहा है, वहीं पर उसे अलग करना पर्यावरण के लिए जरूरी है। कोर्ट ने NCR में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट ऐक्ट के अमल पर रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच ने कहा कि नियमों का पालन न करने से देश के सभी शहर प्रभावित हुए हैं। कोर्ट ने सवाल किया कि जब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम का पालन नहीं हो रहा तो शहर स्मार्ट कैसे बन सकते हैं?

सीनियर एडवोकेट और कोर्ट सलाहकार अपराजिता सिंह ने NCR में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कचरे को अलग किए बगैर सीधे संयंत्रों में भेजने से अधिक प्रदूषण होता है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस दलील पर सहमति जताई। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट ऐक्ट के अमल पर राज्यों को 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा, इसके बाद अगली सुनवाई होगी।

इससे पहले भी कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों की विफलता को लेकर नाराजगी जताई थी, क्योंकि उन्होंने 2016 नियमों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया। 27 जनवरी को कोर्ट ने कहा था कि हम एक गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 3,000 टन ठोस कचरा बिना निपटाए रह जाता है। समय के साथ यह आंकड़ा और बढ़ेगा। कोर्ट ने संकेत दिया कि अगर इसका समाधान नहीं किया गया तो कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी को लेकर कठोर आदेश दिए जा सकते हैं।

Related Articles

Back to top button