लखनऊ। लखनऊ में बिजली मीटर रीडिंग में गड़बड़ी के मामले को लेकर अब एक सख्त अभियान शुरू किया जा रहा है। शहर में मीटर रीडिंग में धोखाधड़ी करने वाले उपभोक्ताओं और इसमें शामिल मीटर रीडरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ मध्य के जोनल मुख्य अभियंता, रवि कुमार अग्रवाल ने सभी क्षेत्रीय एक्सईएन को निर्देश दिए हैं कि वे रीडिंग प्रक्रिया की सख्ती से जांच करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
रीडिंग की प्रक्रिया में लापरवाही पाए जाने पर बिलिंग एजेंसी और रीडरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। अगर यह साबित होता है कि किसी रीडर ने जानबूझकर कम रीडिंग दर्ज की, तो उस पर धोखाधड़ी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज होगी। साथ ही, संबंधित बिलिंग एजेंसी से नुकसान की भरपाई भी की जाएगी।
अगर किसी उपभोक्ता के मीटर में स्टोर रीडिंग पाई जाती है, तो उस पर तय दर से डेढ़ गुने रेट से बिल वसूला जाएगा। उदाहरण के तौर पर, घरेलू बिजली का औसत रेट 5.50 रुपये प्रति यूनिट है। ऐसे मामलों में बिलिंग दर बढ़कर 8.25 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी। इससे उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
महकमे के अधिकारियों के अनुसार, अमीनाबाद, हुसैनगंज, ठाकुरगंज और अन्य क्षेत्रों में कुछ उपभोक्ता और रीडरों की सांठगांठ की शिकायतें मिली हैं। ऐसे में उपभोक्ता न्यूनतम यूनिट के बिल बनवाकर कम भुगतान कर रहे हैं, जबकि उनके मीटर में असल खपत ज्यादा दर्ज हो रही है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक योगेश कुमार ने कहा है कि जो उपभोक्ता अपनी कम खपत का बिल जमा करा रहे हैं, लेकिन जांच में उनके मीटर में अधिक रीडिंग पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी उपभोक्ता अपने वास्तविक उपयोग के अनुसार बिल जमा करें।
बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से कहा है कि वे समय पर अपनी खपत का सही बिल जमा करें। स्टोर रीडिंग का मामला सामने आने पर न केवल जुर्माना लगेगा, बल्कि उपभोक्ता को कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। इस अभियान का उद्देश्य बिजली मीटर रीडिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना है, ताकि उपभोक्ताओं को सही बिलिंग मिल सके और बिजली विभाग में किसी भी प्रकार की धांधली या अनियमितताओं को रोका जा सके। अधिकारियों को रीडिंग प्रक्रिया की जांच में सख्त रवैया अपनाने की हिदायत दी गई है।