नयी दिल्ली । भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के खिलाड़ी आयोग की अध्यक्ष महान मुक्केबाज एमसी मैरीकोम ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को सुझाव देना बंद कर दिया है क्योंकि उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता। मैरीकोम उन 10 शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल थीं जिन्हें नवंबर 2022 में आईओए खिलाड़ी आयोग में चुना गया था। आईओए में इस समय खींचतान चल रही है जिसमें पदाधिकारियों का एक वर्ग अध्यक्ष पीटी उषा के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा रहा है। उषा ने हालांकि अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है।
मैरीकोम का बयान भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में चल रहे सत्ता संघर्ष और मुक्केबाजी के हालात पर चिंता व्यक्त करता है। उनका कहना कि आईओए ने उनके सुझावों को नजरअंदाज किया, यह दिखाता है कि संगठनात्मक स्तर पर संवाद की कमी है। 41 वर्षीय मैरीकोम, जो खुद एक सफल मुक्केबाज हैं, ने ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाजों के प्रदर्शन पर निराशा जताई। उनका यह कहना कि उन्हें पहले ओलंपिक से पहले किसी ने मदद के लिए नहीं बुलाया, यह संकेत करता है कि कोचिंग संरचना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सुधार की आवश्यकता है।
उनका अनुभव और सुझाव मूल्यवान हैं, और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें सुनने का प्रयास नहीं किया गया। मैरीकोम का यह विचार कि कोचिंग संरचना में सुधार के बिना नियमित रूप से पदक नहीं मिलेंगे, यह भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है। इससे स्पष्ट है कि भारतीय मुक्केबाजी को एक मजबूत और सुनियोजित ढांचे की आवश्यकता है ताकि भविष्य में बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकें। इस तरह की स्थिति में, सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना और संवाद स्थापित करना जरूरी है ताकि भारतीय मुक्केबाजी को उसकी वास्तविक क्षमता के अनुसार आगे बढ़ाया जा सके।