थलपति की पॉलिटिक्स में एंट्री से डरे स्टालिन

चैन्‍नई। तमिल सिनेमा के सुपरस्टार से नेता बने थलपति विजय ने अपनी पार्टी तमिलगा विजयी कड़गम (टीवीके) की पहली जनरल काउंसिल बैठक में बड़ा दावा कर दिया। उन्होंने ऐलान किया कि 2026 का तमिलनाडु विधानसभा चुनाव सिर्फ दो पार्टियों टीवीके और डीएमके के बीच होगी। विजय ने बीजेपी, और एआईएडीएमके को पूरी तरह मुकाबले से बाहर कर दिया और कहा कि राज्य की जनता इस बार एक बिल्कुल अलग चुनाव देखने जा रही है। 2026 के विधानसभा चुनाव में एक्टर विजय की पार्टी पहली बार चुनाव लड़ने जा रही है। गौरतलब है कि एआईएडीएमके के मौजूदा वक्त में 66 एमएलए हैं, जबकि कांग्रेस के 21 और बीजेपी के 4 एमएलए तमिलनाडु विधानसभा में हैं।

बैठक में विजय ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर सीधा हमला बोला और महिला सुरक्षा व कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सिर्फ आपके शासन की चर्चा से ही आप गुस्से में क्यों आ जाते हैं? अगर सही से शासन किया होता, तो महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की यह हालत नहीं होती। मैं उन अत्याचारों को बयान नहीं कर सकता, जो महिलाओं के खिलाफ हो रहे हैं।”

विजय ने केंद्र सरकार के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि इसके जरिए तमिलनाडु की संसदीय सीटें कम करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, “तमिलनाडु की राजनीतिक ताकत को कम करने की साजिश रची जा रही है, लेकिन हम इसे होने नहीं देंगे।”

विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर भी सवाल उठाए और इशारों में उन्हें चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा, “पीएम साहब, जब आपने एक देश, एक चुनाव की बात की तो हमें आपकी मंशा समझ में आ गई। तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जो कई बार अपनी ताकत दिखा चुका है। मैं कहूंगा कि संभलकर रहिए सर।”

बैठक में टीवीके ने कुल 17 प्रस्ताव पास किए, जिसमें परिसीमन, तीन-भाषा नीति और वक्फ बिल के खिलाफ कड़े निर्णय लिए गए। पार्टी ने साफ किया कि वह तमिलनाडु में सिर्फ दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) को ही मान्यता देगी और नई शिक्षा नीति के तहत तीन-भाषा थोपने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगी। इसके अलावा, टीवीके ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को भी खारिज कर दिया और केंद्र से मांग की कि इसे तुरंत वापस लिया जाए।

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