सपा के प्रदेश सचिव बर्खास्त

लखनऊ।  समाजवादी पार्टी (सपा) ने अनुशासनहीनता के आरोप में बड़ी कार्रवाई की है। ये कार्रवाई गाजीपुर जनपद निवासी प्रदेश सचिव चंद्रिका यादव के खिलाफ की गई है। उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया गया है। इस खबर की पुष्टि सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अरविंद सिंह ने एक पत्र के माध्यम से की है।

वहीं सपा के इस कड़े एक्शन की पूर्वांचल और खासतौर से गाजीपुर जनपद में बड़ी चर्चा हो रही है। इससे सियासी गलियारों में आपसी मनमुटाव और महत्वकांक्षा से जोड़कर देखा जा रहा है। सपा के के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अरविंद सिंह ने अपने बयान में कहा कि चंद्रिका यादव पार्टी की दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे।

उनका व्यवहार पार्टी के मूल्यों और अनुशासन के खिलाफ था, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा था। चंद्रिका यादव की बर्खास्तगी का मुख्य कारण उनके द्वारा जंगीपुर के सपा विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव के खिलाफ की गई बयानबाजी मानी जा रही है।

चंद्रिका यादव ने अपने साथी दिनेश यादव के साथ मिलकर विधायक पर कई आरोप लगाए और सार्वजनिक रूप से उनका विरोध किया। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि पार्टी चंद्रिका यादव के खिलाफ एक्शन ले सकती है। पार्टी नेताओं ने कहा कि उनके व्यवहार से दल की छवि पर असर पड़ रहा था।

इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है। अलग प्रदेश सचिव को अपनी कोई बात कहनी भी थी ​तो पार्टी प्लेटफॉर्म पर रखते। इसके विपरीत वह सोशल मीडिया पर बयानबाजी में मशगूल रहे। इसलिए पार्टी नेतृत्व ने इसे अनुशासनहीनता करार देते हुए चंद्रिका यादव को पदमुक्त कर दिया।

चंद्रिका यादव का यह कदम पार्टी में दरार पैदा कर रहा था, जिससे नेतृत्व ने कड़ा कदम उठाने का निर्णय किया। समाजवादी पार्टी अपने सदस्यों से पार्टी अनुशासन और नीतियों का पालन करने की अपेक्षा करती है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि अनुशासनहीनता किसी भी संगठन की छवि को धूमिल करती है।

चंद्रिका यादव की बर्खास्तगी इसी अनुशासन नीति के तहत की गई है। अरविंद सिंह ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि पार्टी का निर्णय न केवल संगठन को मजबूत बनाने के लिए किया गया है, बल्कि यह बाकी सदस्यों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

चंद्रिका यादव की बर्खास्तगी ने जंगीपुर की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जंगीपुर विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव के खिलाफ खुला विरोध करने के बाद से चंद्रिका यादव लगातार सुर्खियों में थे। यह पहली बार नहीं है जब पार्टी के भीतर इस तरह की खींचतान सामने आई हो, लेकिन इस बार इसका नतीजा चंद्रिका यादव की बर्खास्तगी के रूप में देखने को मिला।

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