
लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पार्टी सांसदों के साथ मस्जिद में बैठक करने की तस्वीरों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया है। इसको लेकर सत्ताधारी बीजेपी के साथ ही मुस्लिम मौलानाओं ने भी सपा और अखिलेश को आड़े हाथों ले लिया है। फिलहाल इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है। इसी बीच लखनऊ में पोस्टर के जरिये सपा नेता ने अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है। पोस्टर में लिखा है कि ‘अखिलेश हैं वो, जो नफरत का सौदा नहीं करते।’ फिलहाल गुरुवार देर रात को लगा यह पोस्टर देखते ही देखते वायरल हो गया है और चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल लखनऊ स्थित सपा कार्यालय के पास सपा नेता मोहम्मद इखलाक ने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पोस्टर लगवाए हैं। जिसमें लिखा कि ‘अखिलेश हैं वो जो नफरत का सौदा नहीं करते। मंदिर मस्जिद को सियासत से जोड़ा नहीं करते।’ सपा नेता ने बीजेपी का बिना नाम लिए कहा कि तुम्हारे लिए इबादत भी सियासी मैदान है। हमारे लिए मजहब मोहब्बत की पहचान है।’ सपा नेता मो. इखलाक ने इस पोस्टर के जरिये बहुत हद तक विपक्षी पार्टी को जवाब देने का प्रयास किया है।
इस पोस्टर में कई खास बातें हैं। पोस्टर में अखिलेश यादव की अलग-अलग धर्म के लोगों के साथ फोटो भी लगाई गई है। एक फोटो सपा मुखिया हिंदू धर्मगुरु के साथ बैठे नजर आ रहे हैं तो दूसरे में मस्जिद में बैठे हैं। इसी तरह एक फोटो में सिख भाइयों के साथ अखिलेश यादव खड़े नजर आ रहे हैं। इस तरह अलग-अलग धर्म के लोगों के साथ की अखिलेश यादव की फ़ोटो लगाई गई है। कुल मिलाकर इन फ़ोटो को लगाकर यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि अखिलेश यादव सभी धर्मों को मानते हैं और उन धर्मो से जुड़े लोगों से मिलते भी हैं।
मस्जिद में बैठक करने और बैठक के दौरान सिर ना ढकने को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव पर हमला बोला है। मौलाना रिजवी ने कहा कि पूरे देश का मुसलमान उनसे नाराज है।