सनातन धर्म में ग्रहण का अत्यधिक महत्व है और इसे विशेष रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता है। ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है, जो न केवल आकाशीय घटनाओं का हिस्सा है, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इसका गहरा असर होता है। खासतौर पर सूर्य और चंद्र ग्रहणों को लेकर विभिन्न मान्यताएँ और पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को आत्मा और चंद्रमा को मन और भावनाओं का प्रतीक माना जाता है। जब सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है, तो इसे मनुष्य के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर प्रभाव डालने वाला माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के समय कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, जैसे कि खाना पीना, शयन करना और किसी भी शुभ कार्य को न करना। ग्रहण के दौरान विशेष पूजा-अर्चना, मंत्रोच्चार और ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है, जबकि नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण का संबंध राक्षसों और देवताओं के बीच संघर्ष से जुड़ा हुआ है। सबसे प्रसिद्ध कथा “राहु-केतु” से संबंधित है, जिसमें राहु ने देवताओं से अमृत चुराने के बाद सूर्य और चंद्रमा को निगल लिया, जिससे ग्रहण की स्थिति उत्पन्न हुई।
अब अगर हम 2025 की बात करें, तो इस साल दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। यह खगोलीय घटनाएँ विशेष रूप से ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव के अनुसार महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, और इनका धार्मिक तथा ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष ध्यान रखा जाता है।
2025 का पहला सूर्य ग्रहण
पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को होगा और बरमूडा, बारबाडोस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, पूर्वी कनाडा, उत्तरी ब्राजील, हॉलैंड जैसे क्षेत्रों में दिखाई देगा। , पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, स्वीडन, पोलैंड, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और पूर्वी अमेरिका में दिखाई देगा। वहीं, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा यानी के इसका कोआ प्रभाव नहीं होगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण
साल 2025 में दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण सिर्फ न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और यह सूतक काल मान्य नहीं होगा।
2025 का पहला चंद्र ग्रहण
साल 2025 में पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और अंटार्कटिका में नजर आएगा। बता दें कि, पहला चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा और इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। भारत में इसका सूतक काल भी लागू नहीं होगा।
2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सिंतबर को लगेगा। हालांकि, दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण रात 09.55 बजे शुरु होगा और 8 सितंबर को सुबह 1.30 बजे तक रहेगा। आपको बता दें कि, ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाएगा। चंद्र ग्रहण भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, अमेरिका और अफ्रीका में नजर आएगा।