
ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में अपने पिता, राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान के ऐतिहासिक आवास पर हुए हमले पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह आवास बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक था, जहां से आज़ादी की आवाज़ उठाई गई थी।
इस घटना के बाद, बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को मिटाने के प्रयासों में तेजी आई है। हाल ही में, उनकी तस्वीरें सरकारी इमारतों से हटाई गई हैं, जिससे उनकी यादों को मिटाने की कोशिश की जा रही है।
इन घटनाओं से शेख हसीना और उनके समर्थकों में गहरी नाराजगी है, क्योंकि वे बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम और शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन घटनाओं के बाद, बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत को बचाने के लिए विभिन्न संगठनों और नागरिकों द्वारा विरोध प्रदर्शन और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। हालांकि, राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के कारण स्थिति जटिल बनी हुई है।
बांग्लादेश में हाल ही में शेख मुजीबुर्रहमान की विरासत पर हमले बढ़ गए हैं। शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश के संस्थापक नेता थे, जिन्हें ‘बंगबंधु’ के नाम से जाना जाता है। उनकी पुण्यतिथि 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाई जाती थी, लेकिन हाल ही में इस अवकाश को रद्द कर दिया गया है।