लखनऊ। एसजीपीजीआई (संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) पहले ही एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग में देश के शीर्ष छह चिकित्सा संस्थानों में शामिल है। अब नैक (नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल) से मिली यह नई उपलब्धि संस्थान के लिए एक और गौरव का कारण बन गई है।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), लखनऊ ने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त कर प्रदेश में एक नया इतिहास रच दिया है। यह प्रतिष्ठित मान्यता संस्थान को 3.66 सीजीपीए के साथ प्रदान की गई है।
यह उपलब्धि इसे उत्तर प्रदेश का पहला और देश का विशिष्ट सरकारी चिकित्सा संस्थान बनाती है। संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर आरके धीमन ने इस सफलता को छात्रों, कर्मचारियों और प्रबंधन के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया। उनका मानना है कि यह उपलब्धि एसजीपीजीआई के उत्कृष्ट शिक्षा, शोध और चिकित्सा सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो संस्थान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करती है।
एसजीपीजीआई पहले से ही एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के शीर्ष छह चिकित्सा संस्थानों में है। वहीं अब नैक की इस उपलब्धि से संस्थान और अधिक गौरवान्वित हुआ है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने कहा कि यह सफलता छात्रों, कर्मचारियों और प्रबंधन के सामूहिक प्रयास का परिणाम है।
नैक नोडल अधिकारी प्रोफेसर विनीता अग्रवाल ने बताया कि संस्थान ने जून 2024 में आवेदन किया था। इसके बाद नवंबर 2024 में नैक टीम ने संस्थान का गहन निरीक्षण किया और उच्च मानकों के लिए यह ग्रेड प्रदान किया। इस उपलब्धि ने एसजीपीजीआई को लखनऊ विश्वविद्यालय और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बाद शहर का तीसरा ‘ए प्लस प्लस’ ग्रेड पाने वाला सरकारी संस्थान बना दिया।