संभल। संभल पुलिस ने वक्फ के जाली दस्तावेजों के मामले में FIR दर्ज की है। मामले में दावा किया गया था कि जामा मस्जिद के सामने स्थित पुलिस चौकी की जमीन वक्फ की प्रॉपर्टी है। इस मामले की जांच के लिए संभल प्रशासन ने तीन सदस्यीय टीम गठित की थी, और टीम ने जांच के बाद दस्तावेजों को फर्जी करार दिया था।
अब पुलिस ने प्रशासन की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है, क्योंकि इन जाली दस्तावेजों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। यह घटना वक्फ बोर्ड के फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल के एक बड़े मामले को उजागर करती है, जिसे अब पुलिस गंभीरता से देख रही है।
यह मामला तब और बढ़ा जब तीन दिन पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने वक्फ की प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेजों को साझा किया हैं। हालांकि जांच के बाद यह दस्तावेज भी फर्जी पाए गए। इस पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 471 के तहत संभल कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एफआईआर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी मणिभूषण तिवारी की शिकायत पर दर्ज की गई है। इसमें कहा गया है कि जब सपा के एक डेलिगेशन ने संभल का दौरा किया, तब संभल विधायक के एक अधिवक्ता ने निर्माणाधीन पुलिस चौकी के दस्तावेज डेलिगेशन के सामने रखे और उनके साथ वक्फ से संबंधित दस्तावेज भी संलग्न थे।
प्रशासन ने इन दस्तावेजों को फर्जी करार दिया था और अब पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इन फर्जी दस्तावेजों को साझा किया था, जो अब पुलिस जांच के दायरे में हैं।