लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंगा नदी में ड्रेजर मशीन लगाने के फैसले पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि नदियों के स्वाभाविक बहाव से छेड़छाड़ करना एक बड़ा अपराध है और इससे पर्यावरण, जल-जीवों तथा प्राकृतिक संतुलन पर गंभीर असर पड़ेगा।
अखिलेश यादव ने इस कदम को आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के प्रयासों से नदियों की पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि यह न केवल नदी के प्रवाह को प्रभावित करता है, बल्कि जल-जीवों की जीवनशैली और उनके आवास पर भी बुरा असर डाल सकता है। उनके मुताबिक, गंगा जैसी महत्वपूर्ण और पवित्र नदी में ड्रेजिंग से जलवायु और पर्यावरण पर दीर्घकालिक नकरात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
यह बयान तब आया है जब राज्य सरकार ने गंगा नदी के किनारों पर ड्रेजिंग (मलबा हटाने) के लिए मशीन लगाने की योजना बनाई थी, ताकि जल मार्ग को साफ किया जा सके और नदी के बहाव को बनाए रखा जा सके। लेकिन अखिलेश यादव ने इस फैसले के पर्यावरणीय और जैविक प्रभावों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
अखिलेश यादव ने कहा कि नदियां अपने रास्ते को स्वयं बनाती हैं, यह प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे किसी भी हाल में बाधित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान गंगा नदी में ड्रेजर मशीन लगाने के कदम को भी भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ बताया जो केवल अपने लोगों को ठेका देने और पैसे कमाने के लिए किया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन के लिए गंगा नदी के टापू को समाप्त करने के उद्देश्य से आईआईटी गुवाहाटी से चार ड्रेजर मशीन मंगाई गई हैं, ताकि गंगा की तीन धाराओं को एकत्रित कर दिया जाए और अधिक श्रद्धालुओं को स्नान की सुविधा मिल सके।
अखिलेश यादव ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कदम पूरी तरह से पर्यावरण के विपरीत है। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि नदियों के मार्ग और मिलन स्थल को प्रकृति पर छोड़ना चाहिए और मनमाने तरीके से उनका बहाव बदलना अनुचित और अवांछनीय है। इस प्रक्रिया से गंगा के जल-जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।