हैलट अस्पताल में मोबाइल चोर के बैग से मिली रिवाल्वर

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। हैलट अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग में तीमारदारों ने मोबाइल चोर समझ कर एक युवक को दबोच लिया। उसकी पिटाई के बाद गार्ड को बुलाकर उसकी तलाशी ली गई। युवक के बैग से रिवाल्वर, 180 कारतूस, जेवर और चोरी में इस्तेमाल होने वाले औजार बरामद हुए हैं। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि दिल्ली में रह रहे रिटायर्ड एडीजी के घर से चोरी किया है। आरोपी को सीसामऊ थाने के मुक़दमें में साढ़े तीन साल की सजा हुई थी। स्वरूप नगर पुलिस ने उसपर कार्रवाई की है।

उन्नाव के अचलगंज निवासी अतुल यादव ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी पूजा को हैलट अस्पताल में जच्चा-बच्चा विभाग में भर्ती कराया था। मंगलवार रात अचानक पत्नी समेत महिलाओं के चीखने की आवाज आई। जब अंदर पहुंचे तो एक संदिग्ध युवक बेड के पास खड़ा था। पत्नी ने उस पर चोरी का आरोप लगाया। पूछने पर उसने कहा कि उसका मरीज भर्ती है। लेकिन उसका किसी भी वार्ड में मरीज भर्ती नहीं था। युवक धमकाने लगा कि छोड़ दो वर्ना गोली मार दूंगा। इस बात पर उसने युवक को पकड़ लिया। शोरगुल सुनकर गार्ड मौके पर पहुंच गए।

गार्डों ने जब उसकी तलाशी ली तो बैग से रिवाल्वर, कारतूस, सोने-चांदी के जेवरात बरामद हुए। कारतूस और रिवाल्वर देखकर सभी हैरान रह गए। डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में अपना नाम लोहारन भट्ठा निवासी रवि उर्फ पवन चौरसिया बताया है। वह अस्पताल में मोबाइल चोरी की नियत से घुसा था। सीसामऊ थाने से 2018 में चोरी के मुक़दमें में कोर्ट ने तीन साल छह माह की सजा सुनाई थी।

रवि उर्फ पवन छह महीने पहले ही जेल से छूटा था। उसने कुबूल किया कि सर्वोदय नगर के आरएस पुरम से यह माल चोरी किया है। यह मकान दिल्ली में रहने वाले रिटायर्ड एडीजी अजय सिंह का है। जानकारी के मुताबिक अजय सिंह के पिता स्व हरी सिंह डिप्टी एसपी थे। उनके निधन के बाद से अजय सिंह दिल्ली में रहने लगे। चोरी की गई रिवाल्वर पिता के नाम से थी।

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