
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा आज (6 अगस्त, बुधवार) सुबह 10 बजे चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे। इस फैसले से होम लोन, कार लोन आदि की ईएमआई पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार रेपो रेट में बदलाव की संभावना कम है, लेकिन कुछ उम्मीदें अभी बाकी हैं।
40% विशेषज्ञों का मानना है कि 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती हो सकती है, जबकि 60% इसे स्थिर रहने की उम्मीद करते हैं। पिछले 6 महीनों में तीन कटौतियां (फरवरी, अप्रैल, जून) हो चुकी हैं, जिससे रेपो रेट 5.50% पर पहुँच गया है। अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला (7 अगस्त से प्रभावी) आरबीआई को सतर्क बना रहा है। इससे GDP पर 0.2–0.3% का नकारात्मक असर हो सकता है।
अगर कटौती होती है तो ₹50 लाख के होम लोन पर ईएमआई ₹3,215/माह तक घट सकती है कार लोन और पर्सनल लोन भी सस्ते होंगे। अगर दरें स्थिर रहीं तो ईएमआई में कोई तत्काल बदलाव नहीं आएगा। महंगाई दर जून में 2.1% रही, जो RBI के लक्ष्य (4%) से काफी नीचे है। इससे कटौती की गुंजाइश बनती है। वहीं, वैश्विक आर्थिक जोखिम (टैरिफ वॉर, मांदी का खतरा) RBI को सतर्क कर रहे हैं। त्योहारी सीजन (सितंबर-नवंबर) को देखते हुए SBI जैसे बैंकों ने सुझाव दिया है कि कटौती से कर्ज की मांग बढ़ेगी।
90% विशेषज्ञों का मानना है कि RBI GDP ग्रोथ अनुमान (6.4–6.6%) में बदलाव नहीं करेगा महंगाई के पूर्वानुमान में 20–30 bps की कमी की जा सकती है। ध्यान रहे कि रेपो रेट वह दर है, जिस पर रिजर्व बैंक द्वारा वाणिज्यिक बैंकों को ऋण दिया जाता है। अगर रिजर्व बैंक द्वारा सस्ती दरों पर कॉमर्शियल बैंकों को धन मुहैया कराया जाता है तो उसका सीधे असर आम आदमी पर भी पड़ता है, क्योंकि आरबीआई द्वारा दरों में कमी किए जाने के बाद बैंक भी अपनी ब्याज दरों में गिरावट करते हैं।