राउत ने निर्वासित भारतियों के लिए केंद्र की आलोचना

नई दिल्ली। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को अमेरिका से भारतीय प्रवासियों के निर्वासन पर केंद्र की आलोचना की और तर्क दिया कि यूएसए के विमान को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत सरकार को अपने नागरिकों की सुरक्षा में अधिक मुखर भूमिका निभानी चाहिए।

संजय राउत ने कहा कि हमारे लिए वे अपराधी नहीं हैं। उनके पैरों और हाथों की बेड़ियाँ हटा दी जानी चाहिए थीं। यह कानून का उल्लंघन था। यूएसए के विमान को उड़ान भरने और वापस जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी।

 राउत ने तर्क दिया कि एक बार जब ये व्यक्ति भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गए, तो उनके साथ भारतीय कानूनों के अनुसार व्यवहार किया जाना चाहिए था, न कि अपराधियों के रूप में। राउत का बयान अंतरराष्ट्रीय आव्रजन कानूनों की जटिलताओं और निर्वासित किए जा रहे व्यक्तियों के अधिकारों पर प्रकाश डालता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार को अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़ा रुख अपनाना चाहिए था, भले ही उन्हें अमेरिका द्वारा अवैध अप्रवासी माना गया हो। राउत ने कहा कि वे अमेरिका के लिए अवैध अप्रवासी थे। हालांकि, उनके विमान के भारतीय सीमा में प्रवेश करने पर भारतीय कानून लागू होते थे।

यूबीटी नेता की यह टिप्पणी सख्त आव्रजन प्रवर्तन उपायों के तहत भारतीय नागरिकों के एक समूह को अमेरिका से निर्वासित किए जाने के बाद आई है। इस घटना ने दोनों देशों के बीच निर्वासित लोगों के साथ व्यवहार और राजनयिक प्रोटोकॉल पर बहस छेड़ दी है। इससे पहले, राउत ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों और वास्तविक परिणामों के बीच पिछले विसंगतियों का हवाला देते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे की भविष्यवाणी करने वाले एग्जिट पोल को खारिज कर दिया था।

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