रक्षाबंधन : सावन पूर्णिमा तिथि को मनाने का विधान

रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाने का विधान है। इसी नियम के अनुसार हर साल बहनें सावन पूर्णिमा का इंतजार करती हैं और अपने भाई एवं इष्ट देवताओं को रक्षासूत्र बांधकर मंगल कामना करती हैं। लेकिन आमतौर पर कई बार पूर्णिमा तिथि के लगने के साथ ही भद्रा भी लग जाती है जिसे रक्षाबंधन के लिए शुभ नहीं माना जाता है और भद्रा का परिहार करके भाई बहन रक्षाबंधन का त्योहार मनाते हैं।

रक्षाबंधन पर पूर्णिमा तिथि का संयोग
रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा को मनाने का विधान है और इस बार दो दिन 8 और 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा का संयोग बना है। 8 अगस्त को दिन में 2 बजकर 13 मिनट से पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी। और फिर अगले दिन यानी 9 अगस्त को दिन में 1 बजकर 25 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। लेकिन शास्त्रों का विधान है कि जिस तिथि में सूर्योदय होता है उसी तिथि का मान पूरे दिन रहता है। फिर भी इसमें कुछ अपवाद भी रहता है। जिसकी वजह से व्रत त्योहार की तिथि को लेकर अलग प्रकार से गणना की जाती है। इस कारण से ही सावन पूर्णिमा का व्रत पूजन 8 अगस्त को किया जाएगा। लेकिन उदया तिथि को लेते हुए श्रावणी उपाकर्म और रक्षाबंधन का त्योहार 9 तारीख को मनाने की अनुशंसा पंचांग कर रहे हैं।

9 अगस्त को उदया तिथि होने से इस साल पंचांग और ज्योतिषी बता रहे हैं कि 9 अगस्त को ही राखी बंधवाना चाहिए यानी रक्षाबंधन का त्योहार मनाना चाहिए। लेकिन यह भी एक मत है कि 8 अगस्त को 2 बजकर 13 मिनट के बाद से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा सकता है। सावन पूर्णिमा पर भद्रा की वजह से ऐसा संयोग बन जाता है कि दोपहर के बाद और शाम में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस विषय में नियम है कि पूर्णिमा तिथि पर भद्रा पूर्वार्ध में रहती है। इस नियम के अनुसार 8 अगस्त को पूर्णिमा के साथ ही भद्रा भी लग जाएगी। लेकिन यह भद्रा धरती पर नहीं स्वर्गलोक में प्रभावी रहेगी। क्योंकि ज्योतिषीय नियम के अनुसार 8 और 9 अगस्त को चंद्रमा मकर राशि में होने से भद्रा का वास स्वर्ग में होगा। इसलिए विशेष स्थिति 8 अगस्त को भी रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन मना सकते हैं, इस दिन आयुष्मान योग भी रहेगा। इससे 8 अगस्त को अगर 2 बजकर 13 मिनट के बाद रक्षाबंधन का त्योहार मनाएं तो किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगेगा।

9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार यूं तो पूरे दिन मनाया जा सकता है। लेकिन इसमें भी दिन में 1 बजकर 53 मिनट तक का समय विशेष रूप से उत्तम होगा। इस समय के दौरान सुबह में राहुकाल 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। तो इस समय का त्याग करके रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को मनाएं तो यह सुख और सौभाग्य प्रदान करने वाला होगा क्योंकि इस समय सौभाग्य योग भी वर्तमान रहेगा।

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