जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में बृहस्पतिवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि शहीद हुए दो सैनिकों के शव क्षत-विक्षत थे। गुरुवार को हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पुंछ के वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बीच, राजनीतिक दलों ने केंद्र की आलोचना की। हमले के बारे में बोलने वाले पहले नेताओं में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत शामिल थे। राउत ने समाचार एजेंसी के हवाले से कहा कि “कल पुंछ में हुआ आतंकवादी हमला पुलवामा हमले की पुनरावृत्ति है। सरकार सो रही है. क्या आप (भाजपा) फिर से हमारे जवानों के बलिदान पर राजनीति करना चाहते हैं? क्या आप 2024 में पुलवामा मुद्दे पर फिर से वोट मांगना चाहते हैं? अगर हम पुंछ घटना के बारे में सवाल पूछते हैं, तो वे हमें दिल्ली या देश से बाहर निकाल देंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया दी। अब्दुल्ला ने कहा कि ‘कश्मीर में आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है। केंद्र पर तीखा प्रहार करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि (मोदी) सरकार जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बढ़ाने की बात करती रहती है। लेकिन अगर किसी ‘पर्यटक को गोली लग जाए तो कोई यहां नहीं आएगा।’ सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने राजौरी मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक्स (पूर्व में ट्विटर) का सहारा लिया। येचुरी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर कहा, “साहस और सर्वोच्च बलिदान को सलाम…।”
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने घात लगाकर किए गए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जम्मू में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में ‘‘पुख्ता खुफिया जानकारी’’ के आधार पर पुंछ जिले के ढेरा की गली इलाके में बुधवार रात एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया। अधिकारियों ने बताया कि सैन्यकर्मियों को एक घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट थाना के अंतर्गत आने वाले ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर अपराह्न करीब पौने चार बजे हमला किया गया। जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों – गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती ने हमले की कड़ी निंदा की है।